दरअसल माशिमं ने इस नए शिक्षा सत्र में 9वीं से 12वीं तक कक्षाओं में 10 फीसदी प्रवेश देने की नीति लागू की है, जिससे इंदौर के सैकड़ों विद्यार्थियों को स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल रहा है। कल दोपहर राजेश शिरोडकर अपने र्यकर्ताओं के साथ यहां पहुंचे और कक्षा 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए कहा, लेकिन यहां मौजूद संभागीय अफसर देवेंद्र सोनवाने ने यह कहते हुए मना कर दिया कि मुख्यालय से नियम बने हैं, वहां पर ही बात करना पड़ेगी। इस पर दो घंटे तक 30 कार्यकर्ताओं के साथ शिरोडकर ने सोनवाने को बंधक बनाकर रखा।
शिरोडकर ने बताया कि 15 दिनों से सैकड़ों पालक स्कूलों व बोर्ड ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। स्कूल वाले नियम का हवाला देकर बच्चों को एडमिशन नहीं दे रहे हैं। माशिमं ने नियम बना दिया कि 10 प्रतिशत से ज्यादा प्रवेश किसी भी विद्यालय में ना दिए जाए, जिससे सैकड़ों विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं। इसी को लेकर मोर्चा के सभी पदाधिकारियों के साथ आंचलिक कार्यालय पर प्रदर्शन किया और संभागीय अधिकारी को उनके कार्यालय में 2 घंटे तक बंद करके भोपाल तक तुरंत कार्रवाई करवाई। अगर सोमवार तक नीति वापस नहीं ली जाती है तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
मुख्यालय को दी जानकारी सोनवाने ने बताया कि आदेश मुख्यालय से आया है, इसलिए पालन करवाया जा रहा है। अगर कुछ गलत है तो मुख्यालय से ही सुधार हो सकता है। जो लोग प्रदर्शन करने आए थे, उन्होंने दो घंटे तक कमरे में अपने साथ बंद कर लिया। एक घंटे में नया आदेश बुलवाने के लिए दबाव डालने लगे। हमने पूरे मामले की जानकारी मुख्यालय भेज दी है।