इसके उलट बाहर से आए नेताओं को ज्यादा तवज्जो दिया। पार्टी में यह भ्रम फैल गया है कि मोदी और शाह से बड़ा कोई नेता नहीं है। यह भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है। मोदी और शाह की कोशिशों में भी सुधार की गुंजाइश है। नोटबंदी और जीएसटी भाजपा की हार की बड़ी वजह बनी। इस चुनाव में पार्टी चेहरे नहीं बदल पाई। कांग्रेस की जीत को लेकर सत्तन बोले कि कांग्रेस अपने दम पर चुनाव नहीं जीत पाई है। हमारे नेताओं ने ही राहुल गांधी के खिलाफ बयानबाजी कर उन्हें बड़ा बना दिया। अगर यही स्थिति रही तो २०१९ का चुनाव जीतना भी भाजपा के लिए मुश्किल हो जाएगा।