हाल ही में प्रदेश भाजपा संगठन ने सभी मंडल इकाइयों को 70 से ज्यादा बूथों का बनाने के निर्देश जारी किए थे। इस फॉर्मूले पर इंदौर में 10 मंडल बढ़ गए। पांच नंबर विधानसभा में भी तीन मंडलों का इजाफा हुआ। इसमें सबसे चौंकाने वाला मंडल डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम है। वार्ड 38 व 39 को मिलकर बनाया गया ये मंडल शुद्ध रूप से अल्पसंख्यकों का है। दो दिन पहले इसमें इम्तियाज मेमन के रूप में अध्यक्ष की नियुक्ति भी हो गई। जैसे ही मंडल की जानकारी संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा व नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा को दी तो पहले तो वे चौंक गए।
इस पर विधायक महेंद्र हार्डिया और राजेश उदावत ने तर्क दिया था कि अल्पसंख्यक मंडल बनाने से मुस्लिम वर्ग में संगठन की पैठ बढ़ेगी। वर्तमान में बहुसंख्यक वर्ग के साथ में जोड़ दिया जाता है, जिसमें कुछ पदाधिकारी ही अल्पसंख्यक वर्ग के होते हैं। ऐसे में नेतृत्व विकसित नहीं हो पा रहा है। कार्यकर्ता तैयार नहीं हो रहे हैं।
इस मंडल के बनने से कार्यकर्ताओं की टीम तैयार होगी। ये मंडल अध्यक्ष ६० कार्यकर्ताओं की कार्यकारिणी बनाएंगे। उसमें ३३ प्रतिशत महिलाओं को भी लेना होगा। इसके अलावा मोर्चा प्रकोष्ठों को मिलाकर कुल ५०० पदाधिकारी हो जाएंगे। नया नेतृत्व भी तैयार होगा। इस पर प्रस्ताव पर मुहर लगी और स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा गया।
दो नेताओं का ही एकाधिकार
खजराना में भाजपा के दो नेताओं का एकाधिकार है। एक पार्षद उस्मान पटेल तो दूसरे नासिर शाह। इसके अलावा पार्टी के पास ऐसा कोई मजबूत नाम नहीं है। अब मंडल के बनने से बहुत सारे नेता खड़े हो जाएंगे। हालांकि इन दोनों नेताओं की खासी पकड़ है, जिसकी वजह से उनसे जुड़े हुए कार्यकर्ता भी उपकृत होंगे।
खजराना में भाजपा के दो नेताओं का एकाधिकार है। एक पार्षद उस्मान पटेल तो दूसरे नासिर शाह। इसके अलावा पार्टी के पास ऐसा कोई मजबूत नाम नहीं है। अब मंडल के बनने से बहुत सारे नेता खड़े हो जाएंगे। हालांकि इन दोनों नेताओं की खासी पकड़ है, जिसकी वजह से उनसे जुड़े हुए कार्यकर्ता भी उपकृत होंगे।