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भाजपा संगठन ने किया ऐसा फैसला कि संकट में आए ये दिग्गज नेता

locationइंदौरPublished: Oct 16, 2019 10:57:43 am

Submitted by:

Mohit Panchal

उम्र की मार मजबूत दावेदार हो गए अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर

भाजपा संगठन ने किया ऐसा फैसला कि संकट में आए ये दिग्गज नेता

भाजपा संगठन ने किया ऐसा फैसला कि संकट में आए ये दिग्गज नेता

इंदौर। भाजपा ने अपने संगठन को युवा बनाने के लिए कड़ा फैसला करते हुए एक पैमाना तय कर दिया है। साफ कर दिया कि अब जिला अध्यक्ष ४५ से ५० की उम्र का ही होगा। इसके साथ इंदौर नगर अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार गोपी नेमा, मधु वर्मा और सुदर्शन गुप्ता दौड़ से बाहर हो गए हैं। इधर, मंडल अध्यक्ष के लिए भी उम्र ३५ कर दी है। कहीं परिस्थिति नहीं बन रही है तो ४० तक का बनाया जा सकता है।
बूथ समितियों का गठन होने के बाद में मंडल के चुनाव को लेकर खड़े हो रहे पेंच को सुलझाने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेशसिंह व संगठन महामंत्री सुहास भगत ने बैठक बुलाई थी। इसमें जिला अध्यक्ष, चुनाव प्रभारी व आईटी-सोशल मीडिया सेल के संयोजक को बुलाया गया था।
बैठक में सबसे अहम् फैसला ये लिया गया कि पार्टी ने तय कर दिया है कि जिलाध्यक्ष ४५ से ५० साल की उम्र के कार्यकर्ता को बनाया जाएगा। इसके फैसले के साथ में इंदौर भाजपा की राजनीति में भूचाल आ गया है। कई दिग्गज खुद ब खुद दौड़ से बाहर हो गए हैं।
सभी प्रबल दावेदारों की छुट्टी हो गई है, जिनमें मौजूदा नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा भी शामिल हैं। उनकी फिर से वापसी होने की संभावना मजबूत थी, लेकिन अब खत्म हो गई है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता मधु वर्मा, सुदर्शन गुप्ता और हरिनारायण यादव मजबूत दावेदार थे।
पिछले एक दशक से वर्मा पर दबाव बनाया जा रहा था कि वे नगर का नेतृत्व करें, लेकिन वे हर बार इनकार कर देते थे। इस बार जब वे राजी हैं तो प्रदेश संगठन ने ये फैसला कर लिया। वहीं, विधानसभा हारने के बाद सुदर्शन चाहते थे कि संगठन एक बार फिर उन्हें मौका दे, क्योंकि उनकी गिनती सफल अध्यक्षों में होती है। इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बूते पर यादव वर्षों से दावेदार हैं, जिनके अरमानों पर पूरी तरह पानी फिर गया।
हस्ताक्षर आंदोलन चलेगा
प्रदेश भाजपा 18 अक्टूबर से तीन दिनी हस्ताक्षर अभियान व आंदोलन करने जा रही है। ये हस्ताक्षर अभियान कांग्रेस सरकार द्वारा प्रजातांत्रिक व्यवस्थाओं का उल्लंघन करने के विरोध में होगा। पार्टी का कहना है कि सरकार ने पार्षदों से महापौर का चुनाव कराने का फैसला किया है। नगरीय निकाय चुनाव के पहले मनमाना परिसीमन का कार्य किया जा रहा है। इसके विरोध में तीन दिन हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा तो अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के विरोध में 21 अक्टूबर को कलेक्टर को हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन दिया जाएगा।
विशेष परिस्थिति में ५ साल की रियायत
चर्चा में पहले मंडल अध्यक्ष के ११ अक्टूबर से होने वाले चुनाव की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। इसके पीछे झाबुआ चुनाव व त्योहारों का कारण बताया गया। प्रदेशभर में ये चुनाव अब ४ व ५ नंबर को होंगे। वहीं उम्र को लेकर साफ कर दिया कि संगठन की मंशा है कि मंडल अध्यक्ष की उम्र ३५ से ज्यादा न हो, लेकिन विशेष परिस्थिति में पांच साल बढ़ाई जा सकती है।
इनकी खिली बांछें
प्रदेश भाजपा संगठन के फैसले ने कई दावेदारों की बांछें खिला दी हैं। इस फेहरिस्त में पूर्व विधायक व मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, नगर महामंत्री मुकेश सिंह राजावत, उपाध्यक्ष नानूराम कुमावत, बबलू शर्मा और सुमित मिश्रा के नाम शामिल हैं। वहीं उमेश शर्मा, कमल वाघेला और कमलेश शर्मा की उम्र भी ५० के आसपास ही है। जैसे पार्टी ने मंडल अध्यक्ष के पद में थोड़ी रियायत दी, वैसा ही पैमाना रखा तो इनकी भी लॉटरी लग सकती है।

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