इंदौर

सरकार बदलते ही कांग्रेस के निशाने पर आए भाजपाई पार्षद

इंदौर संभागायुक्त से मुलाकात के दौरान उठाया कार्रवाई न होने का मुद्दा, जनता की समस्या बताकर अधूरे पड़े विकास कार्यों को समय पर पूरे कराने की रखी मांग
 

इंदौरJan 01, 2019 / 11:35 am

Uttam Rathore

सरकार बदलते ही कांग्रेस के निशाने पर आए भाजपाई पार्षद

इंदौर.
कांग्रेस पार्षद दल के साथ अन्य नेताओं ने संभागायुक्त से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेसियों ने दो नंबरी भाजपाई पार्षदों पर कार्रवाई का मुद्दा फिर उठाया जो कि लंबे समय से अटका पड़ा है। संभागायुक्त से मुलाकात के दौरान पार्षदों सहित कांग्रेस नेताओं ने कई समस्या बताई और हर करने की मांग रखी। नियम विरूद्ध चल रही नगर निगम को मोर्चा खोलने के साथ अफसरों के काम न करने की शिकायत भी की गई।
प्रदेश में सत्ता परिर्वतन होने के साथ कांग्रेस का राज हो गया है। 15 साल बाद सरकार आते ही हर वो कांग्रेसी सक्रिय हो गया है जो अब तक घर बैठा था। नगर निगम के कामकाज, महापौर-अफसर के खिलाफ शिकायत और शहर की समस्याओं को लेकर अभी तक संभागायुक्त से मुलाकात करने सिर्फ कांग्रेस पार्षद ही पहुंचते थे। सोमवार को संभागायुक्त राघवेंद्र सिंह से नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम और उप नेता प्रतिपक्ष विनितिका यादव के नेतृत्व में मिलने पहुंचे कांग्रेस पार्षद दल के साथ भीड़ बढ़ाने अन्य कई नेता भी पहुंच गए। पार्षदों के साथ-साथ इन्होंने भी अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं से संभागायुक्त सिंह को अवगत कराया। इसके साथ ही दो नंबरी भाजपाई पार्षदों के निगम और परिषद की बैठक में आने को लेकर की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने का मुद्दा उठाया गया। रेडिसन होटल चौराहे पर अपर आयुक्त रोहन सक्सेना के साथ हुए थप्पड़ कांड के बाद से महापौर मालिनी गौड़ और दो नंबरी एमआईसी मेंबर राजेंद्र राठौर व चंदूराव शिंदे के बीच खाई बढ़ गई। तकरीबन 3 साल पहले हुए इस कांड के बाद से दो नंबरी एमआईसी मेंबर सहित 12 पार्षदों ने निगम सहित परिषद की बैठक में आना बंद कर दिया है। राठौर और शिंदे एमआईसी की बैठक में भी नहीं आते हैं। इन पर कार्रवाई का मुद्दा पूर्व पार्षद चिंटू चौकसे ने उठाया, जिन्होंने भाजपाई पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है।
संभागायुक्त सिंह से मुलाकात के दौरान कांग्रेसियों ने शहर में रहवासियों की मूलभूत समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने की मांग रखी। इसके साथ ही निगम अफसरों के कामकाज को लेकर शिकायत भी की। नियम विरूद्ध निगम के चलने का मोर्चा खोलते हुए संभागायुक्त सिंह से उचित कार्रवाई करने की मांग रखी गई। संभागायुक्त से मुलाकात के दौरान शोभा ओझा, मोहन सेंगर, सुरजीत सिंह चढ्डा, प्रेम खड़ायता, अरविंद बागड़ी, दीपू यादव, शेख अलीम, अनिता सर्वेश तिवारी, अंसाफ अंसारी, अनवर दस्तक, भूपेंद्र चौहान, अमन बजाज और सच सलूजा आदि मौजूद थे। इन्होंने बोरवेल, पार्र्किंग, पेयजल समस्या, वार्डों के कामकाज, ठेकेदारों के पेमेंट न होने और अधूरे पड़े विकास कार्यों के पूरा न होने सहित अन्य कई जनहित के मद्दों को उठाकर निराकरण करने की बात रखी।
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