बैठक मान्य नहीं की जाएगी। ये वाकया पांच नंबर विधानसभा के छत्रसाल मंडल का है, जिसकी बैठक मनपसंद गार्डन के पास हॉल में रखी गई थी। बैठक लेने नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे, प्रभारी तेजबहादुरङ्क्षसह और विधायक महेंद्र हार्डिया पहुंचे थे। रणदिवे ने जब बैठक में उपस्थिति देखी और पूछा कि कुल कितने कार्यकर्ता अपेक्षित थे तो 285 का आंकड़ा सामने आया। वहीं, बैठक में महज 50 कार्यकर्ता ही उपस्थित थे। इस पर उन्होंने मंडल अध्यक्ष रामबाबू यादव से पूछा कि ये क्या हालत है, संख्या कम क्यों है? इस पर जवाब था कि सूचना सबको की गई थी।
इस पर रणदिवे ने पूर्व पार्षदों को तलब कर दिया। वार्ड-37 के पूर्व पार्षद संजय कटारिया से पूछताछ की। वार्ड अध्यक्ष से पूछा कि पार्षद कितने वोटों से चुनाव जीते थे? इस पर कोई जवाब नहीं दे पाए। तब कटारिया उनके कान में बताने लगे तो रणदिवे ने बोल दिया कि ये बताने की जरूरत नहीं पडऩा चाहिए। काम करने वाले को पहले से ध्यान रहता है। इसके बाद अजयङ्क्षसह नरुका से पूछा गया कि संख्या कम क्यों है? तो जवाब था कि आज वर्किंग डे है। 20 लोग पहले ही आ गए थे, जो इस बैठक के पहले की बैठक में शामिल होकर चले गए।
बाद में दिलीप शर्मा ने भी तर्कों से संतुष्ट करने की कोशिश की लेकिन रणदिवे खासे नाराज थे। कहना था कि ये बैठक मान्य नहीं होगी। मंडल में बड़े-बड़े दिग्गज पूर्व पार्षद हैं। उसके बावजूद ऐसी बुरी स्थिति है। शहर में कई मंडलों की बैठकों में गए लेकिन ऐसी स्थिति कहीं नहीं थी। इस बैठक को नहीं माना जाएगा और वार्डों में जाकर बैठक ली जाएगी। रणदिवे ने सभी वार्ड अध्यक्षों को दीनदयाल भवन पर तलब किया।
दो बार का निर्दलीय पार्षद क्यों आया?
वीर सावरकर मंडल की बैठक में युवा नेता संजय इंगले अचानक नगर अध्यक्ष रणदिवे के पास पहुंच गए। उनका कहना था कि जब वार्ड-44 में पालक रामदास नैनोरे हैं तो सूचना योगेश देवलिया के नाम से क्यों करते हैं? उस समय मंडल अध्यक्ष रघुवंशी खड़े थे।
वीर सावरकर मंडल की बैठक में युवा नेता संजय इंगले अचानक नगर अध्यक्ष रणदिवे के पास पहुंच गए। उनका कहना था कि जब वार्ड-44 में पालक रामदास नैनोरे हैं तो सूचना योगेश देवलिया के नाम से क्यों करते हैं? उस समय मंडल अध्यक्ष रघुवंशी खड़े थे।
उन्होंने सूची निकालकर दिखा दी कि नैनोरे ही पालक हैं लेकिन नए पालक के तौर पर योगेश का नाम दिया है लेकिन स्वीकृति नहीं आई। फिर इंगले ने रुपेश देवलिया पर निशाना साधते हुए कहा कि दो बार का निर्दलीय पार्षद क्यों आया है? इस पर रणदिवे ने कहा कि बैठक में विषय जरूरी नहीं है। दीनदयाल भवन आएं, वहां बात होगी। हालांकि बाद में ये खुलासा हो गया कि विधानसभा चुनाव के दौरान रुपेश देवलिया को भाजपा में ले लिया था।
त्रिदेव रहे बैठक से गायब
निगम चुनाव को लेकर मंडल स्तर पर बैठक रखी जा रही है, जिसमें प्रमुख रूप से बूथ के त्रिदेव (अध्यक्ष, महामंत्री व बीएलए) को बुलाया जा रहा है। उसका उद्देश्य है कि वे सक्रिय हो जाएंगे तो चुनाव में बहुत सहूलियत हो जाएगी। चर्चा के दौरान कहा भी गया कि जब वे ही नहीं आए तो बैठक करने का क्या मतलब है?
निगम चुनाव को लेकर मंडल स्तर पर बैठक रखी जा रही है, जिसमें प्रमुख रूप से बूथ के त्रिदेव (अध्यक्ष, महामंत्री व बीएलए) को बुलाया जा रहा है। उसका उद्देश्य है कि वे सक्रिय हो जाएंगे तो चुनाव में बहुत सहूलियत हो जाएगी। चर्चा के दौरान कहा भी गया कि जब वे ही नहीं आए तो बैठक करने का क्या मतलब है?
नाराज हुए कार्यकर्ता
बैठक के बाद में वार्ड 37 के कुछ कार्यकर्ता नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से मिले। कहना था कि हमारे क्षेत्र में ना सड़क है, ना पानी है। कुछ भी काम नहीं हुआ है। हमको पानी खरीदना पड़ रहा है। बूथ अध्यक्ष किसी को मुंह दिखाने लायक भी नहीं हैं तो कैसे आएंगे। ये सुनकर वे चौंक गए।
बैठक के बाद में वार्ड 37 के कुछ कार्यकर्ता नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से मिले। कहना था कि हमारे क्षेत्र में ना सड़क है, ना पानी है। कुछ भी काम नहीं हुआ है। हमको पानी खरीदना पड़ रहा है। बूथ अध्यक्ष किसी को मुंह दिखाने लायक भी नहीं हैं तो कैसे आएंगे। ये सुनकर वे चौंक गए।