आज भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भोपाल आ रहे हैं। इसके चलते प्रदेश पदाधिकारी और जिलों के अध्यक्षों को बुलाया गया है, उनसे सदस्यता अभियान की जानकारी ली जाएगी। आंकड़ा इक_ा करने के लिए कल नगर भाजपा ने मंडल अध्यक्ष, मोर्चा और प्रकोष्ठों के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा व कमल वाघेला ने बारीकी से एक-एक मंडल के आंकड़े इक_ा किए।
सबसे बुरा हाल पांच नंबर विधानसभा के तिलक मंडल का था, जिसमें अध्यक्ष नंदकिशोर पहाडिय़ा ने सिर्फ ३७०० सदस्य बनाए जाने की बात कही। सबसे ज्यादा सदस्य दो नंबर विधानसभा के आंबेडकर मंडल ने बनाए। बाद में चर्चा के दौरान सभी मंडल अध्यक्षों से वार्डवार जानकारी भी ली गई।
चौंकाने वाली बात आई सामने मंडल अध्यक्षों ने पार्षदों की हरकतों को उजागर कर दिया। काम करने वाले और घर बैठने वालों के नामों की सूची सौंप दी। एक नंबर विधानसभा के पांच, तीन व चार नंबर के तीन-तीन, पांच के पांच, राऊ के तीन, देपालपुर के एक और सांवेर के एक पार्षद ने बिलकुल काम नहीं किया।
इनमें से कुछ के पास तो सिर्फ खुद की सक्रिय सदस्यता बचाने वाले १०० सदस्यों की संख्या ही है। चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें पांच एमआईसी सदस्य भी शामिल हैं जिनका प्रदर्शन बिलकुल खराब है। देखा जाए तो पार्षद ज्योति तोमर ही एक मात्र ऐसी पार्षद हैं, जिन्होंने ५ हजार सदस्य बनाकर संगठन के दिए लक्ष्य को पूरा किया।
मंडलों में जमा होंगे सभी फॉर्म
नगर भाजपा ने कल बैठकों में मोर्चा व प्रकोष्ठ के नेताओं को साफ कर दिया कि अब उनके फॉर्म भी मंडल अध्यक्षों के यहां जमा कराए जाएं। बकायदा उसकी रसीद भी ली जाए ताकि आपके दावे को मजबूती मिल सके। आंकड़ों के हिसाब से अब तक भाजयुमो ने ११ हजार, महिला मोर्चा ने १३ हजार, अजा मोर्चा ने ९ हजार, पिछड़ा मोर्चा ने ११ हजार, अल्पसंख्यक मोर्चा ने १५०० और अजजा मोर्चा ने ९०० सदस्य बनाए हैं।
नगर भाजपा ने कल बैठकों में मोर्चा व प्रकोष्ठ के नेताओं को साफ कर दिया कि अब उनके फॉर्म भी मंडल अध्यक्षों के यहां जमा कराए जाएं। बकायदा उसकी रसीद भी ली जाए ताकि आपके दावे को मजबूती मिल सके। आंकड़ों के हिसाब से अब तक भाजयुमो ने ११ हजार, महिला मोर्चा ने १३ हजार, अजा मोर्चा ने ९ हजार, पिछड़ा मोर्चा ने ११ हजार, अल्पसंख्यक मोर्चा ने १५०० और अजजा मोर्चा ने ९०० सदस्य बनाए हैं।
संगठन रखेगा हिसाब-किताब
गौरतलब है कि सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी खासी गंभीर है। सभी पार्षदों को लक्ष्य दिए गए थे ताकि वे वार्ड में घूमकर अभियान को सफल बना सके। स्थिति ये है कि पार्षदों ने ध्यान नहीं दिया। संगठन अब ऐसे पार्षदों की सूची तैयार कर रहा है जिन्होंने अभियान का माखौल उड़ाया।
गौरतलब है कि सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी खासी गंभीर है। सभी पार्षदों को लक्ष्य दिए गए थे ताकि वे वार्ड में घूमकर अभियान को सफल बना सके। स्थिति ये है कि पार्षदों ने ध्यान नहीं दिया। संगठन अब ऐसे पार्षदों की सूची तैयार कर रहा है जिन्होंने अभियान का माखौल उड़ाया।
छह माह बाद आने वाले निगम चुनाव में ध्यान रखा जाएगा। उनको टिकट देने की सिफारिश करने वाले नेताओं को भी कटघरे में खड़ा किया जा सकता है। इसलिए नगर संगठन अभियान में निष्क्रिय रहने वाले नेताओं की सूची प्रदेश के नेताओं को भी भेज सकता है।