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झाबुआ उपचुनाव में बिन बुलाए भाजपाइयों की नो एंट्री, इस लिए किया संगठन ने सख्त फैसला

locationइंदौरPublished: Oct 12, 2019 10:35:47 am

Submitted by:

Mohit Panchal

लोकसभा उप चुनाव से लिया संगठन ने सबक, पार्टी ने साफ कर दिया कि न आएं दिखावेबाज नेता

झाबुआ उपचुनाव में बिन बुलाए भाजपाइयों की नो एंट्री, इस लिए किया संगठन ने फैसला

झाबुआ उपचुनाव में बिन बुलाए भाजपाइयों की नो एंट्री, इस लिए किया संगठन ने फैसला

इंदौर। झाबुआ उपचुनाव में दिखावा करने जाने वाले नेताओं पर भाजपा संगठन ने रोक लगा दी है। फैसला झाबुआ लोकसभा उपचुनाव के परिणाम को देखकर लिया गया। पार्टी ने साफ कर दिया कि जिनको यहां बुलाया जाए, वही आएं, बिन बुलाए मेहमानों की जरूरत नहीं है।
झाबुआ उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों की दशा-दिशा तय करेंगे। इसके चलते दोनों पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। भाजपा ने भी सारे दिग्गज खिलाडिय़ों को फील्डिंग पर लगा रखा है। पुराने अनुभवों से भी सबक लिया जा रहा है। खासतौर पर चार साल पहले सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद हुए लोकसभा के उपचुनाव से।
उस समय पार्टी ने इंदौर के नेताओं को काम पर लगाया था। थोकबंद नेता व कार्यकर्ता वहां पहुंचे, लेकिन सरकार होने के बाद भी करारी शिकस्त मिली। कारण सामने आए कि बाहरी कार्यकर्ताओं की वजह से स्थानीय लोग सक्रिय नहीं हुए और बाहरियों ने काम का दिखावा किया और मौज-मस्ती की, इसलिए अब पार्टी ने इंदौर के हवाबाज नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
सेक्टर प्रभारियों को साफ कर दिया गया कि वे समर्थकों ना बुलाएं। नगर भाजपा को भी बता दिया है कि वे किसी को ना भेजें और न ही जाने के लिए प्रेरित करें। जिन्हें काम पर लगाया गया उन्हें भी साफ कर दिया कि स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही आगे कर उनके सहयोगी की भूमिका निभाना है।
आखरी समय में झोंकी ताकत
भाजपा ने आखिरी समय प्रदेश स्तर के अपने सारे नेताओं को लगा दिया है। संगठन महामंत्री सुहास भगत तो वहीं हैं। आज से प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी डेरा डाल लेंगे। 13 अक्टूबर को राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का रोड शो है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी 14-15 और 17 व 18 अक्टूबर को वहीं रहेंगे। नरेंद्रसिंह तोमर, प्रभात झा, विनय सहस्त्रबुद्धे और प्रहलाद पटेल भी एक-एक दो-दो दिन देंगे। पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग के हिसाब से भी नेताओं को बुलाया है।
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