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भाजपा संगठन महामंत्री ने बंद कमरे में ली नेताओं की क्लॉस…ये पूछा

locationइंदौरPublished: Nov 12, 2019 10:58:47 am

Submitted by:

Mohit Panchal

मंडल अध्यक्ष के चुनाव का ‘होमवर्क’ किया चेक, समझने का किया प्रयास, विधायक आधारित नाम आने से हुए आहत

भाजपा संगठन महामंत्री ने बंद कमरे में ली नेताओं की क्लॉस...ये पूछा

भाजपा संगठन महामंत्री ने बंद कमरे में ली नेताओं की क्लॉस…ये पूछा

इंदौर। भाजपा की सबसे मजबूत इकाई मंडल में अध्यक्षों को लेकर चुनाव चल रहा है। इसको लेकर कल प्रदेश के संगठन महामंत्री ने इंदौर के प्रमुख नेताओं की बंद कमरे में क्लास ले ली। अब तक चुनाव में क्या-क्या किया गया, ये होमवर्क भी चेक किया गया। सारा माजरा भांपने के बाद उन्हें समझ में आ गया कि फिर से विधायक आधारित नियुक्तियां होने जा रही हैं।
अयोध्या फैसले की वजह से मंडल अध्यक्ष के चुनाव में सिर्फ वरिष्ठों की रायशुमारी हो सकती थी कि पूरी प्रक्रिया को रोकना पड़ गया था। कल पार्टी ने १५-१६ नवंबर की नई तारीख घोषित कर दी। इसके साथ हलचल फिर से शुरू हो गई। इस बीच प्रदेश के संगठन महामंत्री सुहास भगत कल शाम ६.३० बजे दीनदयाल भवन पहुंचे। उनके आने की खबर संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा, कृष्णमुरारी मोघे और कल्याण देवांग को ही थी।
सूत्रों के मुताबिक भगत ने चारों नेताओं से अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा की। सहायक निर्वाचन अधिकारी देवांग ने मंडलों में वरिष्ठ नेता व जवाबदार पदाधिकारियों से रायशुमारी करने की जानकारी दी। बताया कि २८ में से २३ मंडलों की रायशुमारी की रिपोर्ट भी आ गई है। रायशुमारी के दौरान दो नंबर विधायक रमेश मेंदोला इंदौर में नहीं थे। चर्चा के दौरान भगत ने बारीकी से मंडलों की जानकारी ली।
बताया जा रहा है कि कुल मिलाकर ये बात सामने आई कि विधायक आधारित नाम ही मंडलों की तीन नामों की पैनल में आए हंै। सभी जगह उसी क्रम से नाम हैं, जिससे स्थिति साफ हो रही है। बैठक का सिलसिला ८ बजे तक चला, फिर चावड़ा को छोड़ बाकी नेता नीचे आ गए तो बाद में चावड़ा अकेले रवाना हुए। गुपचुप तरीके से भगत बाद में युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव रणदिवे की गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। चर्चा ये भी है कि भगत अपने साथ मंडल अध्यक्षों के नामों की पैनल भी लेकर गए हैं।
भाजपाइयों को नहीं लगी भनक
भगत जब नेताओं की क्लास ले रहे थे, तब कमल वाघेला, सुमित मिश्रा, गुलाब ठाकुर, मुकेश मंगल, कमल वर्मा, जेपी मुलचंदानी, देवकीनंदन तिवारी, मनोज पाल व जितेंद्र सिलावट सहित कई कार्यकर्ता बैठे थे। बैठक खत्म होते ही नेमा मीडिया कक्ष में आकर बैठ गए ताकि किसी को जानकारी नहीं लगे। चावड़ा ने भी रवाना होने के पहले ऐसा बताया, जैसे वे ही बैठक ले रहे थे।
प्रक्रिया में हो सकता है बदलाव
गौरतलब है कि संगठन चाहता है कि काम करने वाले कार्यकर्ताओं को मौका मिले। विधायक आधारित संगठन नहीं हो, लेकिन सारे नाम ऐसे ही सामने आए हैं। संभावना ये भी बन रही है कि भगत अब प्रक्रिया बदल दें। जो बूथ अध्यक्षों से होने वाली रायशुमारी मंडलों में होनी थी, वह अब दीनदयाल भवन में वरिष्ठ नेताओं, नगर व मंडल चुनाव प्रभारियों की मौजूदगी में हो।
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