कमलनाथ सरकार के विश्वासमत में दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद में भाजपा की नींद उड़ी हुई है। पार्टी अब हर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। उसे मालूम है कि कुछ दिनों ने झाबुआ के विधानसभा के उप चुनाव में उसे मुकाबला करना है। गुमानसिंह डामोर के सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने से विधानसभा की ये सीट खाली हो गई है। पार्टी अपने हाथ से उसे जाने नहीं देना चाहती है। इसके लिए अभी से रणनीति तैयार करना शुरू कर दी है।
इसके चलते संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा ने इंदौर के नेताओं को काम पर लगा दिया है। उन्हें विश्वास है कि वे अपने मैनेजमेंट से सीट को बचाने में कामयाब हो सकते हैं। अभी से उनको मैदान में उतार दिया जाए तो टेम्पो भी बन जाएगा।
बची कसर मोदी सरकार के काम काज से मिलने वाले वोट पूरी कर देंगे। पार्टी के चुनाव को हलके में नहीं लेने की एक वजह पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के दिग्गज कांतिलाल भूरिया भी हैं। डामोर ने त्रिकोणीय मुकाबले में भूरिया के बेटे विक्रांत को हराया था। यहां कांग्रेस से जेवियार मेढ़ा भी दावेदार थे।
सभी को अलग-अलग ब्लॉक की जिम्मेदारी सौंपी
संभागीय संगठन मंत्री चावड़ा ने झाबुआ में नेताओं को काम पर लगाना शुरू कर दिया है। सदस्यता अभियान के बहाने हाल ही में भाजपा विधायक उषा ठाकुर, रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, बाबूसिंह रघुवंशी व उमेश शर्मा को भेजा गया था।
संभागीय संगठन मंत्री चावड़ा ने झाबुआ में नेताओं को काम पर लगाना शुरू कर दिया है। सदस्यता अभियान के बहाने हाल ही में भाजपा विधायक उषा ठाकुर, रमेश मेंदोला, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, बाबूसिंह रघुवंशी व उमेश शर्मा को भेजा गया था।
सभी को ब्लॉकों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन्होंने नेता व कार्यकर्ताओं से परिचय करने के साथ क्षेत्र को समझने का प्रयास भी किया। साधारण सदस्यता के बाद में सक्रिय सदस्यों के लिए भी उन्हीं जगहों पर उन्हें भेजा जाएगा। जैसे ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी वैसे ही उन्हें डेरा डालकर वहीं मैदान संभालना है।