खुद को सबसे अनुशासित पार्टी बताने वाली भाजपा का प्रदेश संगठन कमजोर होता नजर आ रहा है। प्रदेश प्रभारी राव आज भोपाल में बैठक लेने जा रहे हैं, जिसमें प्रदेश के पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष और सभी प्रभारियों को बुलाया गया है। ऐसी ही एक बैठक 24 नवंबर 2021 को बुलाई गई थी। बैठक में राव ने सख्त रुख अख्तियार किया था। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा था कि टीम के गठन में इतनी लापरवाही क्यों हो रही है। प्रदेश भाजपा संगठन को साफ कहा था कि सभी जिलों की इकाइयों का गठन 24 घंटे में करें।
साथ में मोर्चा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को भी निर्देश दिए थे कि वे भी सभी जिला अध्यक्षों की घोषणा करें। राव ने तो यहां तक कहा था कि घोषणा करके ही भोपाल छोडऩा है। घोषणा नहीं करोंगे तो हम अपने तरफ से नियुक्ति कर देंगे तो हमको बोलना मत। मजेदार बात ये है कि बैठक में राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिव प्रकार भी मौजूद थे। आज उस बैठक को पूरे तीन माह होने आए है, लेकिन अब तक इंदौर और ग्वालियर की नगर कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया। इसके अलावा इंदौर सहित कई जिलों में युवा मोर्चा सहित अन्य मोर्चों के अध्यक्ष की नियुक्ति भी नहीं हो सकी है।

प्रदेश प्रभारी राव के निर्देश के बाद प्रदेश संगठन ने नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे से सूची बुलवा ली थी। उसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के नाम जोड़े जाना थे। सिंधिया ने मोहन सेंगर का नाम महामंत्री पद के लिए दिया था, लेकिन विरोध की वजह से सूची को होल्ड पर डाल दिया गया। उस वजह से मामला अभी भी उलझा हुआ है। देखा जाए तो सेंगर के हिसाब से महामंत्री का पद इतना बड़ा नहीं है, क्योंकि वे विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसके बावजूद सिंधिया का अडऩा भाजपा में भी किसी को हजम नहीं हो रहा है। इस गुत्थी को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सुलझा नहीं पा रहे हैं।
ये भी होगी बात
मुरलीधर राव की मौजूदगी में अलग-अलग बैठकें रखी गई हैं, जिसमें जिला अध्यक्षों को सभी बैठकों में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। योजना के हिसाब से सुबह सबसे पहली बैठक प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष व प्रभारियों की होगी। उसमें समर्पण निधि संग्रह की स्थिति की जानकारी ली जाएगी तो बूथ विस्तारक अभियान की समीक्षा होगी। साथ में सभी जिला अध्यक्षों से उनके अनुभव भी सुने जाएंगे।
मुरलीधर राव की मौजूदगी में अलग-अलग बैठकें रखी गई हैं, जिसमें जिला अध्यक्षों को सभी बैठकों में शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। योजना के हिसाब से सुबह सबसे पहली बैठक प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष व प्रभारियों की होगी। उसमें समर्पण निधि संग्रह की स्थिति की जानकारी ली जाएगी तो बूथ विस्तारक अभियान की समीक्षा होगी। साथ में सभी जिला अध्यक्षों से उनके अनुभव भी सुने जाएंगे।