आदिवासी बाहुल्य इलाकों में जयस की तेजी से बढ़ती पैठ को देखते हुए भाजपा ने भी अपने पैर मजबूत करने के प्रयास तेज कर दिए है। आदिवासी समाज को साधने के लिए लगातार कार्यक्रम हो रहे है। 15 नवंबर को भिरसा मुंडा जयंती पर दो लाख लोग भोपाल में इकट्ठा होने के बाद अब अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने बाले टंट्या मामा का बलिदान दिवस मनाने की तैयारी की जा रही है। 4 दिसंबर को महू के पाताल पानी में भव्य आयोजन होने जा रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता शिरकत करेंगे। भीड़ जुटाने के लिए धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडबा और खरगोन सहित कई आदिवासी अंचलों को फोकस किया गया।
Must See: चंबल को लेकर इंदौर में चला दंगल, सीनियर नेताओं में मंत्रणा
महू विधानसभा में ही सबसे ज्यादा आदिवासी हैं। इसके चलते क्षेत्रीय विधायक व मंत्री उषा ठाकुर और जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों ही नेता लगातार आदिवासी बाहुलय गांवों में बैठक ले रहे है। उन्हें टंटया मामा की जानकारी और उनकी कुबनी के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलाबा महू के पांच मंडलों को क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया जिनके नीचे बस प्रभारी रहेंगे। कुछ बड़े गांवों से पूरी बसे भर जाएंगी तो कुछ छोटे भी हैं। बस भरने के लिए दो-तीन गांव से इकट्ठा किया जाएगा। इधर, जिले की अन्य ग्रामीण विधानसभाओं में भी बसे भेजी जाएंगी जहां से आदिवासी परिवारों को लाने का प्रयास किया जाएगा।
नही करना है किसी से विवाद
गौरतलब है कि भाजपा ने अपने आदिवासी अंचल में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे सहजता और सरलता से काम करें। पार्टी को मालूम है कि भीड़ जुटाने के दौरान जयस व कांग्रेस कार्यकर्ता से भी नोकझोंक हो सकती है। जमीन हिलने की वजह से वे नाराज हो सकते हैं। इसके चलते किसी भी प्रकार से विवाद नहीं करना है।