सीएचएल में हंगामाई कार्यकर्ताओं को जब चौहान समझाने पहुंचे तो कार्यकर्ता बोले, आपने ऐसे आदमी को अपनी कार में क्यों बैठाया, इसने हमारे अध्यक्ष के साथ बदसलूकी की है। इस पर चौहान ने कहा कि किसे गाड़ी में बैठाना है, किसे नहीं, ये मैं तय करूंगा। आप लोग मर्यादा न तोड़ें।
चौहान मामले से व्यथित दिखाई दिए। सीएचएल से निकलने के बाद उन्होंने नगर अध्यक्ष समेत कई नेताओं से बात की। उन्होंने हंगामा व मारपीट करने वाले कार्यकर्ताओं पर भी गुस्सा उतारा। बाद में वे खंडवा रवाना हो गए।
भाजपा नेताओं के मुताबिक, यज्ञस्थल पर शनिवार दोपहर में भी विवाद हुआ था। तब भी नगर अध्यक्ष वहां आए और उन्होंने जानकारी ली। इसी बीच उनकी किसी मीणा नामक कार्यकर्ता से बहस हुई थी। दो दिन पहले भी शर्मा और यज्ञ आयोजन समिति के सत्यनारायण राठी में विवाद की चर्चाएं सामने आई थीं। उसमें भी राठी के साथ मारपीट की बात सामने आई थी।
घटना के सामने आने के बाद यहां मौजूद सभी नेताओं को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और विधायक मेंदोला ने साफ कर दिया कि कोई भी इस घटना के बारे में किसी को कुछ नहीं बोलेगा। मामले को यहीं समाप्त किया जाए।
– तुमने खूब पैसा कमा लिया है तो क्या किसी को कुछ नहीं समझोगे?
– तुम कौन से भगवान हो?
– तुम्हारा चरित्र हम नहीं जानते क्या?
– आप कौन से महामंडलेश्वर बने हुए हो? २० साल पहले क्या हुआ था, सबको पता है।
(इस दौरान दलाल, व्यापारी, चोर जैसे शब्दों का भी प्रयोग हुआ)
भाजपा नगराध्यक्ष के साथ मारपीट करने वाले नीमा कभी उनके खास समर्थकों में शुमार थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से वे दो नंबरी खेमे के साथ हैं। केसरबाग रोड स्थित नीमा के घर की बाउंड्रीवाल सडक़ में आ रही थी। उस समय निगम की टीम जब उसे तोडऩे गई थी तो एमआईसी सदस्य चंदू शिंदे के कहने के बाद टीम नीमा को समय देकर लौट आई थी।