अनुराग नगर में आचार्य रत्नसुंदर म.सा. के आशीर्वचन
इंदौरPublished: Jun 26, 2019 02:40:58 pm
बिना समस्या के जीवन असंभव, जरूरत मुस्कुराहट बनाए रखने की
अनुराग नगर में आचार्य रत्नसुंदर म.सा. के आशीर्वचन
इंदौर. दु:ख और चिंता मनुष्य के ऐसे शत्रु हैं जो एक बार मन में घुस गए तो पैर जमा कर ही बैठ जाते हैं। बिना समस्या के कोई जीवन हो ही नहीं सकता, लेकिन समस्याओं के बीच भी जीने को हौसला अपनी मुस्कुराहट के साथ बनाए रखना महत्वपूर्ण हैं। पुण्य की तरह पाप का भी उदय होता है। मनुष्य के पास ऊर्जा बहुत है, लेकिन हम उसे बाहर नहीं निकाल पाते। उत्साह की ताकत ही अंदर की ऊर्जा को बाहर निकालती है। ऊर्जा कहीं बाहर से नहीं, हमारे अंदर से ही मिलती है।
पानी पैदा नहीं, प्रकट होता है। पत्थर हटाने पर अंदर पड़ा पानी प्रकट हो जाता है इसी तरह हमारे अंदर की ऊर्जा को प्रकट करने के लिए भी दुख और चिंता के पत्थर हटा देंगे तो ऊर्जा रूपी पानी का निर्झर बह निकलेगा। जीवन को उत्साह से भरपूर बनाने के लिए अपनी ऊर्जा को बढ़ाएं, अपने कौशल को बाहर लाएं, व्यर्थ की चिंताओं की अनदेखी करें और सफलताओं को न्यौता दें।
ये विचार आचार्य रत्नसुंदर सूरीश्वर म.सा. ने मंगलवार सुबह अनुराग नगर जैन श्रीसंघ के तत्वावधान में मुनि सुव्रत स्वामी जैन श्वेतांबर तपागच्छ मंदिर पर परिवर्तन प्रवचनमाला के अंतर्गत ‘उत्साह ही उत्थान का मूल हैÓ विषय पर धर्मसभा में व्यक्त किए। प्रारंभ में मंदिर ट्रस्ट की ओर से हिम्मत भाई शाह, अशोक भाई शाह,डॉ. जयंत डोसाी, हेमंत डोसी, कल्पक गांधी आदि ने आचार्यश्री एवं साधु-साध्वी भगवंतों की अगवानी की।
कल्पक गांधी ने बताया आचार्यश्री बुधवार 26 जून एवं गुरुवार 27 जून को तिलक नगर में चंदाप्रभु मांगलिक भवन पर
प्रवचन देंगे। बुधवार को ‘कुछ नया करो’ एवं गुरुवार को ‘कुछ अच्छा करो’ विषय पर सुबह 9 बजे से प्रवचन होंगे।