सहकारिता विभाग ने ही भंवरकुआं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बाद में उसकी गिरफ्तारी भी नहीं ली और केस खत्म कर दिया। टीआइ संतोष दूधी के मुताबिक, सहकारिता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया। रिपोर्ट में विभाग ने लिखा, ऑफिस से जो दस्तावेज मिले वह फोटोकॉपी थे। फोटोकॉपी किसी के पास मिलना अपराध नहीं है, इस आधार पर केस खत्म कर दिया।
केस १: दिसंबर २०१९ में पुलिस ने जागृति सहकारी संस्था के प्लॉटों की गड़बड़ी के मामले में बॉबी छाबड़ा व अन्य पर केस दर्ज किया।
केस २: सरकारी कर्मचारी गृह निर्माण संस्था की कॉलोनी के प्लॉटो की गड़बड़ी में कनाडिया थाने पर केस दर्ज हुआ। दोनों ही मामले में साथी संदीप रमानी भी आरोपी बना।
केस ३: दिसंबर २०१८ में जिला प्रशासन व सहकारिता की टीम ने बॉबी के साथी संदीप रमानी के खातीवाला टैंक स्थित ऑफिस पर छापा मारकर २० सहकारी संस्थाओं से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। सहकारिता विभाग ने बॉबी, संदीप व सतबीर छाबड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया। आरोप था, संस्थाओं से संबंध नहीं होने के बाद भी अवैधानिक तरीके से दस्तावेज अपने पास रख गड़बड़ी की।
केस ४: दिसंबर २०१८ में ही प्रशासन व सहकारिता क टीम ने बॉबी के चचेरे भाई सतबीरसिंह छाबड़ा के पागनीसपागा स्थित निवास की सर्चिंग में आकाश गृह निर्माण संस्था सहित अन्य संस्थाओं के दस्तावेज जब्त किए। इसमें भी सतबीर व बॉबी के खिलाफ रावजीबाजार थाने में केस दर्ज कराया गया।
केस ५: जागृति संस्था के सदस्य ने प्लॉट पर कब्जा करने व फिर गोली मारने की धमकी देने पर बॉबी छाबड़ा व संदीप रमानी पर रावजीबाजार थाने में केस दर्ज कराया।