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बॉबी छाबड़ा को सहकारिता विभाग ने ही बचा लिया, पहले केस दर्ज कराया फिर किया खत्म

locationइंदौरPublished: Jul 19, 2021 07:47:48 pm

माफिया अभियान २: बॉबी व अन्य के खिलाफ हुए थे पांच मामले दर्ज

बॉबी छाबड़ा को सहकारिता विभाग ने ही बचा लिया, पहले केस दर्ज कराया फिर किया खत्म

बॉबी छाबड़ा को सहकारिता विभाग ने ही बचा लिया, पहले केस दर्ज कराया फिर किया खत्म


इंदौर। भूमाफिया बॉबी छाबड़ा पर दिसंबर २०१९ में शुरू हुए माफिया अभियान २ में भी शिकंजा कसा था लेकिन धीरे-धीरे उसे रियायत मिलती जा रही है। प्रशासन व सहकारिता विभाग ने ही एक मामले में उसे बचा लिया। सहकारिता विभाग ने उसके साथी संदीप रामानी के ऑफिस से मिले दस्तावेजों के आधार पर बॉबी, संदीप आदि पर केस दर्ज कराया लेकिन बाद में खुद ही उसे खत्म भी करा दिया।
बॉबी छाबड़ा पर जितनी सख्ती शुरुआत में दिखी थी वह बाद में ढीली होती गई। २००८-०९ में चले पहले अभियान के दौरान बॉबी पर अन्नपूर्णा, विजयनगर, तुकोगंज थाने में सहकारी संस्था की गडबड़ी, आइडीए से आवंटित गार्डनों की धोखाधड़ी को लेकर केस दर्ज हुए। करीब ८-९ महीने जेल में रहने के बाद जमान पर छूटा और फिर केस न्यायालय में विचाराधीन रहे।
दूसरे माफिया अभियान के दौरान खजराना, कनाडिय़ा, रावजीबाजार व भंवरकुआं थाने में दिसंबर २०१९ में केस हुए। १३-१४ फरवरी २०२० को उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। खजराना, कनाडिय़ा व रावजीबाजार पुलिस ने रिमांड पर लिया। जेल भेजने के बाद फिर से जमानत पर है। भंवरकुआं थाने के केस को अफसरों ने खत्म कर दिया। जिला प्रशासन व सहकारिता विभाग ने बॉबी के प्रबंधक व साथी संदीप रमानी के ऑफिस से सर्चिंग में २० सहकारी संस्थाओं के दस्तावेज जब्त किए। इस मामले में सहकारिता निरीक्षक ने ही भंवरकुआं थाने में केस दर्ज कराया था। रावजीबाजार पुलिस ने भी बॉबी की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बिना जल्दबाजी कर चालान पेश कर दिया था। ऐसा करने से आरोपियों को फायदा मिले की आशंका रहती है।
सहकारिता की रिपोर्ट के आधार पर ही बच गया बॉबी
सहकारिता विभाग ने ही भंवरकुआं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बाद में उसकी गिरफ्तारी भी नहीं ली और केस खत्म कर दिया। टीआइ संतोष दूधी के मुताबिक, सहकारिता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज किया। रिपोर्ट में विभाग ने लिखा, ऑफिस से जो दस्तावेज मिले वह फोटोकॉपी थे। फोटोकॉपी किसी के पास मिलना अपराध नहीं है, इस आधार पर केस खत्म कर दिया।
दूसरे अभियान में दर्ज हुए थे यह पांच केस
केस १: दिसंबर २०१९ में पुलिस ने जागृति सहकारी संस्था के प्लॉटों की गड़बड़ी के मामले में बॉबी छाबड़ा व अन्य पर केस दर्ज किया।
केस २: सरकारी कर्मचारी गृह निर्माण संस्था की कॉलोनी के प्लॉटो की गड़बड़ी में कनाडिया थाने पर केस दर्ज हुआ। दोनों ही मामले में साथी संदीप रमानी भी आरोपी बना।
केस ३: दिसंबर २०१८ में जिला प्रशासन व सहकारिता की टीम ने बॉबी के साथी संदीप रमानी के खातीवाला टैंक स्थित ऑफिस पर छापा मारकर २० सहकारी संस्थाओं से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। सहकारिता विभाग ने बॉबी, संदीप व सतबीर छाबड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया। आरोप था, संस्थाओं से संबंध नहीं होने के बाद भी अवैधानिक तरीके से दस्तावेज अपने पास रख गड़बड़ी की।
केस ४: दिसंबर २०१८ में ही प्रशासन व सहकारिता क टीम ने बॉबी के चचेरे भाई सतबीरसिंह छाबड़ा के पागनीसपागा स्थित निवास की सर्चिंग में आकाश गृह निर्माण संस्था सहित अन्य संस्थाओं के दस्तावेज जब्त किए। इसमें भी सतबीर व बॉबी के खिलाफ रावजीबाजार थाने में केस दर्ज कराया गया।
केस ५: जागृति संस्था के सदस्य ने प्लॉट पर कब्जा करने व फिर गोली मारने की धमकी देने पर बॉबी छाबड़ा व संदीप रमानी पर रावजीबाजार थाने में केस दर्ज कराया।
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