उधर, इंदौर भी सरकार की उम्मीद पर खरा उतरने में पीछे नहीं है। पहली तिमाही में ही 3300 करोड़ के सौदे होकर रजिस्ट्री हो चुकी है। इससे विभाग को 390 करोड़ रुपए का राजस्व मिला, यह पिछले साल से 57 फीसदी ज्यादा है। शहर और आसपास के इलाकों में प्रॉपर्टी बाजार की चमक बरकरार है। शहर के चारों पंजीयन कार्यालयों में भीड़ बनी हुई है।
पंजीयन विभाग द्वारा पहले तीन महीने में ही 390 करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है। जबकि, पिछले साल यह 244 करोड़ रुपए थी। पंजीयन विभाग की आय और बाजार में हो रही खरीद-बिक्री पर रियल एस्टेट (real estate) कारोबारियों का कहना है, छोटे व तैयार घरों की मांग ज्यादा है। इसलिए कंपनियों के प्रोजेक्ट अब अफोर्डेबल हाउसिंग को लेकर बनाएं जा रहे हैं।
उप महानीरिक्षक पंजीयन बीके मोरे का कहना है, अप्रेल के बाद से ही एक जैसी आमद बनी हुई है। हर महीने 11 हजार से ज्यादा दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए हैं। अब तक 23567 दस्तावेज रजिस्टर्ड हो चुके हैं। यह पिछले साल की तुलना में अच्छी ग्रोथ बता रहे हैं। ज्यादा ट्रांजेक्शन शहर के आउटर हिस्से में हो रहे हैं।
पिछले साल से ज्यादा लक्ष्य
वर्ष-2021-22 के दरमियान 1836 करोड़ का स्टाम्प शुल्क मिलने के साथ ही करीब 15 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी का ट्रांजेक्शन हुआ था। इसे देखते हुए इस साल 2323 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय हुआ है। पिछले साल कोरोना की दूसरी-तीसरी लहर के बाद भी इंदौर में रिकॉर्ड तोड़ प्रॉपर्टी की बिक्री हुई थी।
तीन माह का करोबार
माह | आय | रजिस्ट्री |
अप्रेल | 110 | 11090 |
मई | 151 | 12488 |
जून | 139 | 11200 |