दरअसल, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने तंवर की कार्यप्रणाली को लेकर कले?टर मनीष सिंह और सांसद शंकर लालवानी को लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी। तंवर पर निजी स्कूलों की मान्यता सहित अन्य मामलों में आरोप भी लगे थे। शिकायत के बाद कलेक्टर ने डीपीसी अक्षय सिंह राठौर को इनके कार्यक्षेत्र में बदलाव के निर्देश दिए थे। डीपीसी ने महू के नेल्सन को तंवर के स्थान पर इंदौर शहरी दो में पदस्थ किया और तंवर को नेल्सन के स्थान पर महू भेजा गया। हालांकि तंवर पर विभाग के ही अफसरों का वरदहस्त होने से वे तत्काल रिलीव भी नहीं हुए और करीब 10 से 15 दिनों बाद महू पहुंचे। तब तक इंदौर में ही मान्यता में खेल करते रहे।
इन्हें बदल दिया गया डीपीसी राठौर ने तीन बीआरसी के कार्यक्षेत्र में बदलाव कि पुष्टि करते हुए बताया कि महू से तंवर को बीआरसी शहरी एक में किया गया है। वहीं बीआरसी शहरी दो से नेल्सन को महू कर दिया गया। इसी के साथ बीआरसी शहरी एक से शहरी दो में मनोहर धीमान को पदस्थ किया गया है।
शिकायत पर जांच तक सूत्रों का कहना है कि सांसद लालवानी के हस्तक्षेप के बाद तंवर का कार्यक्षेत्र बदलकर महू तो किया गया, लेकिन शिकायत में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की कोई जांच तक नहीं हुई। जिस एसोसिएशन ने शिकायत की थी उसने इस बदलाव के बाद राहत की सांस ली थी, लेकिन अब फिर से हुए इस बदलाव के बाद एसोसिएशन खुद अफसरों के सामने हारी हुई महसूस करने लगी हैं।
वर्षों से पदस्थ बीआरसी, नहीं बदले राज्य शिक्षा केंद्र विकास खंड स्तर पर बीआरसी की नियुक्ति की जाती है। इंदौर सहित ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ ये बीआरसी एक ही ब्लॉक में जमे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि तीन से चार साल में बीआरसी के ट्रांसफर होने
चाहिए। इनके एक ही स्थान पर जमे रहने से शासन की योजनाओं का सही रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पाता है। जानकारी के अनुसार बीआरसी राजेंद्र तंवर जो 2013 से पदस्थ हैं और संजय नेल्सन 2007 से , बीआरसी श्रवण शर्मा 2013, मनोहर धीमान 2007, अशोक जोशी 2010 से और राजू भावसार 2013 से पदस्थ हैं।
चाहिए। इनके एक ही स्थान पर जमे रहने से शासन की योजनाओं का सही रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पाता है। जानकारी के अनुसार बीआरसी राजेंद्र तंवर जो 2013 से पदस्थ हैं और संजय नेल्सन 2007 से , बीआरसी श्रवण शर्मा 2013, मनोहर धीमान 2007, अशोक जोशी 2010 से और राजू भावसार 2013 से पदस्थ हैं।
कलेक्टर के आदेश पर हुए बदलाव कलेक्टर के निर्देश पर हमने बदलाव किया है। हालांकि तंवर को बीआरसी शहरी दो में करने के बजाय एक में किया है। वहीं बीआरसी एक को दो में और दो को महू किया गया है।
अक्षय सिंह राठौर
डीपीसी
डीपीसी