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सुरक्षा के अभाव में बढ़ रहा पुलों पर खतरा

locationइंदौरPublished: Oct 21, 2018 06:58:32 pm

Submitted by:

amit mandloi

शहर के विकास से जुड़ा मुद्दा : रैलिंग न होने की वजह से देर रात हादसे और अपराधों की संभावना अधिक

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सुरक्षा के अभाव में बढ़ रहा पुलों पर खतरा


इंदौर. शहर में बने पुलों पर न तो रैलिंग लगी है और न ही सुरक्षा के कोई अन्य इंतजाम किए हैं। देर रात इन पुलों के आसपास होने वाले अपराधों और हादसों में लगातार इजाफा हो रहा है। सरकार कान्ह और सरस्वती पर आने वाले पुलों पर तो रैलिंग बना रही है लेकिन शहर में कई अन्य पुल भी ऐसे हैं जहां सुरक्षा की बहुत जरूरत है। रात के समय इन पुलों से अपराधी कई तरह की वारदातों को अंजाम दे सकते हैं। वहीं कई जगह तो इन पुलों की रैलिंग इतनी अधिक कमजोर है कि यदि रात के समय कोई वाहन चालक यहां से गिर गया तो अंधेरे में न तो हादसे का पता चलेगा न ही उसका बचाना संभव हो पाएगा।
क्या हैं खतरे
सुनसान इलाके के पुल
जो पुल सुनसान इलाके में हैं वहां पर अपराधियों द्वारा वारदातें करने का खतरा अधिक रहता है। इन जगहों से किसी भी तरह का खतरनाक सामान नाले में छोडऩे या फिर किसी को क्षति पहुंचाने की संभावना अधिक रहती है।
बीच शहर के पुल
जो पुल बीच शहर में बने हैं वहां पर हादसों का खतरा अधिक रहता है। यदि किसी पुल पर से रात भर वाहन निकलते हैं तो यहां पर रैलिंग इसलिए जरूरी हो जाती है कि वाहन चालकों के साथ में कोई हादसा न हो। बारिश और देर रात के अंधेरे में तो इस तरह के हादसों की संभावना और भी अधिक बढ़ जाती है।
नाला टैपिंग के लिए जरूरी
कान्ह नदी पर सुरक्षा के इंतजाम नाला टैपिंग के तहत किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है जिससे कान्ह में लोग गंदी चीजें न फेंक सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए रैलिंग भी लगाई जा रही है। चूंकि रैलिंग सिर्फ कान्ह के ऊपर आने वालों पर पुलों पर लगाई जा रही है। इसलिए यह व्यवस्था फेल होने का डर अधिक है। यदि शहर के अन्य पुलों पर रैलिंग न लगी तो लोग यहां से भी नालों में खतरनाक अपशिष्ट मिला सकते हंै और यह पानी कान्ह में जाने से वहां भी प्रदूषण बढ़ेगा। इसलिए नदी में प्रदूषण रोकने के लिए शहर के सभी पुलों पर रैलिंग होना जरूरी हो जाता है।
इन हादसों से लें सबक
कुछ दिन पहले ही भागीरथपुरा के नाले में जहरीला कैमिकल मिलाने का मामला सामने आया था। इसके बाद उठी जहरीली गैस से इलाके के 1500 से अधिक लोगों को तकलीफें हुई थी। यह कैमिकल नागदा की फैक्टरी से लाया गया था। टैंकर चालक ने वहां से लाकर इसे भागीरथपुरा के नाले में छोड़ा था। यदि नाले के आसपास रैलिंग होती तो इस तरह कैमिकल मिलाना संभव नहीं होता।
&शहर में कुछ प्रमुख पुलों पर नदियों के प्रोजेक्ट के तहत रैलिंग लगाई जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लोग नदी में कचरा व गंदा सामान आदि न फेंके। अभी जिन पुलों को प्रोजेक्ट में शामिल किया है उन्हीं पर प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। बाद में इन्हें और भी डेवलप किया जाएगा।
– आशीष सिंह, निगमायुक्त
&शहर में कुछ प्रमुख पुलों पर नदियों के प्रोजेक्ट के तहत रैलिंग लगाई जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लोग नदी में कचरा व गंदा सामान आदि न फेंके। अभी जिन पुलों को प्रोजेक्ट में शामिल किया है उन्हीं पर प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। बाद में इन्हें और भी डेवलप किया जाएगा।
– आशीष सिंह, निगमायुक्त
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