scriptस्वाइन फ्लू से बिल्डर की मौत | builder Death toll from Swine Flu in Indore, 2 month 2 death | Patrika News

स्वाइन फ्लू से बिल्डर की मौत

locationइंदौरPublished: Jan 14, 2019 11:10:37 am

Submitted by:

Mohit Panchal

पांच दिन से बॉम्बे हॉस्पिटल में चल रहा था इलाज, दो माह में दूसरे बिल्डर को हुई घातक बीमारी

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स्वाइन फ्लू से बिल्डर की मौत

इंदौर। स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी से शहर के एक नामी बिल्डर की रविवार देर रात को मौत हो गई। बॉम्बे हॉस्पिटल में पांच दिन से उनका इलाज चल रहा था। खून में ऑक्सीजन देने वाली मशीन बॉम्बे से आने वाली थी, लेकिन समय पर नहीं पहुंची। गौरतलब है कि दो माह में दूसरे बिल्डर की स्वाइन फ्लू से मौत हुई है।
स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारी से इंदौर में अब तक सौ से अधिक मौतें हो चुकी हैं। देर रात को बॉम्बे हॉस्पिटल में बिल्डर सुमति जैन की इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले दस दिन से उनकी तबियत खराब थी। ९ जनवरी को हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें विशेष हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया तो अगले दिन उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया।
स्वाइन फ्लू की जांच के लिए जबलपुर सेम्पल भी भेजा गया। वहीं, तीन दिन पहले बॉम्बे से कुछ डॉक्टर देखने पहुंचे थे जिन्होंने ४८ घंटे का समय दिया था। जैन के दोस्त व अभिभाषक प्रमोद द्विवेदी के मुताबिक डॉक्टरों ने खून में अलग से ऑक्सीजन देने वाली मशीन लगाए जाने का कहा था जो बॉम्बे से आनी थी।
समय पर नहीं पहुंची। मशीन समय पर आ जाती तो ये हादसा नहीं होता। बड़ी बात ये है कि दो माह में शहर के दूसरे बड़े बिल्डर की स्वाइन फ्लू से मौत हुई है। पिछले दिनों भगवानदीन नगर में रहने वाले राजेश गुप्ता भी इसी बीमारी के चलते नहीं रहे।
ठंड में सक्रिय होता है एम१एच१
गौरतलब है कि एच१एन१ का वायरस ठंड में सक्रिय होता है जो सामान्य हवा में रहता है। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम रहती है उन पर तेजी से असर करता है। खासतौर पर बच्चे, गर्भवती महिला व बुजुर्ग को सबसे ज्यादा शिकार बनाता है। सर्दी, खांसी और बुखार के समय वायरस अटैक करता है।

अब तक नहीं खुली इंदौर में लेब
२०१७ में स्वाइन फ्लू को लेकर ४२५ मरीजों के सेम्पल भेजे गए थे। उनमें से २८ मरीजों की पुष्टि हुई जिसमें से ९ की मौत हुई बाकी मरीज इलाज से ठीक हुए। २०१८ में २२ सेम्पलों की जांच के लिए भेजा था जिसमें १२ की रिपोर्ट लंबित है। १० की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इंदौर जिले में बड़ी संख्या में हर साल स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक लेब नहीं बनवाई है।
आज भी सेम्पल जांच के लिए जबलपुर भेजना पड़ते है जबकि पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इंदौर में लेब बनाने की घोषणा की थी। प्रस्ताव छह साल पहले स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे महेंद्र हार्डिया ने खुद बनाया था। लेकिन लेब आज तक तैयार नहीं हो सकी है।
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