पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रशासनिक अधिकारियों को भी पीपल्याहाना गांव में बनी इस होटल में अनैतिक कामों के संचालन को लेकर शिकायतें मिल रही थी। 900 वर्ग फीट के इस प्लाट पर होटल मालिक मोहम्मद अली उस्मानी ने बेसमेंट खोदने के साथ ही तल मंजिल के ऊपर तीन और मंजिल बना रखी थी। इस निर्माण के लिए किसी भी तरह की निगम से अनुमति नहीं ली गई थी। होटल का इस्तेमाल अधिकांशत: युवक युवती करते थे।
निगम की टीम इसे तोडऩे पहुंची तो होटल में कर्मचारी ही मौजूद थे। टीम ने सबसे पहले यहां की बिजली काट दी। कार्रवाई के लिए पहुंचे अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह ने तुरंत होटल खाली करने के लिए होटल स्टॉफ को कहा लेकिन उनके द्वारा यहां सामान निकालने के नाम पर समय व्यतित किया जा रहा था। जिसके बाद अमले को भी अपर आयुक्त ने होटल का सामान बाहर निकलवाने में लगा दिया। यहां पर सामान खाली कराने के दौरान कई आपत्तिजनक सामग्री भी अमले को मिली। होटल के लिए यहां जो कमरे बनाए गए थे, उन सभी कमरों में ये आपत्तिजनक सामग्री मिली थी। जिसके बाद निगम की टीमों ने ये पूरा सामान सड़क पर लाकर रख दिया और उसके बाद यहां पर पोकलेन और बुलडोजर की मदद से होटल को तोडऩे का काम शुरू किया गया। दो घंटे की कार्रवाई के दौरान इसे पूरी तरह से जमींदोज कर दिया।