दिल्ली में आयोजित चर्चा के दौरान मप्र, शिलांग समेत कई प्रदेशों के उद्यमी शामिल थे। लघु उद्योग भारती के प्रदेश पदाधिकारी संजय पटवर्धन ने बताया, एक सप्ताह पहले उन्हें फोन आया। इस दौरान उद्योग से संबंधित जानकारी ली गई। एक-दो दिन बाद फिर फोन आया, कहा गया, आपको मंगलवार को दिल्ली में होने वाली इस चर्चा में आना है। मैं और मेरा साथी राजकुमार हरियाणी सोमवार को दिल्ली पहुंचे। मंगलवार सुबह 11 बजे एक हॉल में हम 8 उद्योगपतियों को बैठा दिया गया। एक कुर्सी खाली रखी गई थी। तय नहीं था, इसे कौन चेयर करेगा? करीब १ घंटे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आए तो हम सभी चकित रह गए। परिचय के बाद उन्होंने सामान्य चर्चा शुरू की। इसी दौरान जीएसटी से आ रही परेशानियों, लघु उद्योगों को नीतियों का लाभ नहीं मिलने, फायनेंस और श्रम संगठनों व श्रम नियमों के कारण आ रही परेशानियों के बारे में जानने के प्रसास किए गए। इस दौरान उद्यमिता और रोजगार पर भी चर्चा हुई। पटवर्धन ने बताया, उत्तर भारत से आए एक साथी ने कहा, हमारे यहां हेंडलूम का काम अच्छा होता है। यह छोटे लोगों के लिए सबसे अच्छा रोजगार का साधन भी है। इस पर राहुल ने पूछा, इससे अधिक से अधिक रोजगार कैसे लिया जा सकता है। खादी को बढ़ावा देने के लिए सुझाव देते हुए मैंने कहा, देश में स्कूली बच्चों और हॉस्पिटल में नर्सेस की ड्रेस खादी की हो जाए तो इस सेक्टर के उत्पादन में बड़ी वृद्धि की जा सकती है। इससे ग्रामीण रोजगार व अर्थ व्यवस्था भी सुधरेगी। यह सुझाव राहुल को काफी भाया, उन्होंने तत्काल सीएम कमलनाथ को फोन लगाया और मुझे सुझाव उन्हें बताने को कहा, सीएम ने चर्चा के लिए आश्वस्त किया है।
राहुल बहुत ही सरल व्यक्ति पटवर्धन ने बताया, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बहुत ही सहज व सरल व्यक्ति हैं। उनके साथ हुई चर्चा में बहुत कुछ सीखने को मिला। सोशल मीडिया पर जिस तरह की चर्चाएं हंै, उनसे अलग राहुल को मैंने पाया।