अलग-अलग प्रकार के कारोबार के लिए अलग-अलग लाइसेंस फीस निर्धारित की गई है। जिसमें सबसे अधिक 20 हजार रूपए प्रतिवर्ष की लाइसेंस फीस शराब दुकानों के लिए है। सबसे कम लाइसेंस फीस 350 रूपए है, जिसमें विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री से जुड़े कारोबार हैं।
लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में नामांतरण के समान ही नियम हैं। यानी चेंस आॅफ परपस नहीं होना चाहिए, मसलन यदि आवासीय भवन में दुकान है तो लाइसेंस नहीं मिलेगा, अतिक्रमण व पारटिशन आदि नहीं होना चाहिए। खास बात है कि कैंटबोर्ड क्षेत्र में 250 से 300 ऐसी दुकानें हैं और अधिकांश में चेंज आॅफ परपस की स्थिति है। ऐसे में दस से बीस प्रतिशत को ही लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। साथ ही ऐसे में उलझन भी रहेगी कि दुकानदार लाइसेंस फीस चुकाने को भी तैयार है लेकिन लाइसेंस के अभाव में उस पर भी कार्रवाई की तलवार लटकेगी।