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देवगुराडिय़ा मंदिर की बेशकीमती जमीन पर कब्जा

locationइंदौरPublished: Oct 13, 2020 12:04:01 pm

Submitted by:

Mohit Panchal

गुटकेश्वर महादेव मंदिर के नाम पर १० हेक्टेयर जमीन थी, अब दो हेक्टेयर भी नहीं बची, पुजारी करते हैं मालिकी हक का दावा
 

देवगुराडिय़ा मंदिर की बेशकीमती जमीन पर कब्जा

देवगुराडिय़ा मंदिर की बेशकीमती जमीन पर कब्जा

इंदौर। देवी अहिल्या खासगी ट्रस्ट की संपत्ति पर जैसे-जैसे कब्जा लिया जा रहा है, वैसे-वैसे घोटाले-गड़बड़झाले सामने आ रहे हैं। चमचमाते बायपास से थोड़ी दूरी पर मौजूद देवगुराडिय़ा मंदिर की १० हेक्टेयर जमीन भी लुट गई है। उस पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। यहां के पुजारी जमीन को अपनी बताकर देते रहे हैं। अब मौके पर सिर्फ २ हेक्टेयर भी जमीन नहीं बची।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद में देवी अहिल्या खासगी ट्रस्ट की संपत्तियों को लेकर सरकार जाग गई है। देशभर की संपत्तियों पर कब्जा लिया जा रहा है। इसी तारतम्य में इंदौर जिला प्रशासन ने भी २४ मंदिरों की फेहरिस्त तैयार करके कब्जा लेने का काम कल से शुरू किया। इसमें कई मंदिरों की बेशकीमती जमीनें भी शामिल हैं। हातोद में मंदिर की जमीन की खरीद-फरोख्त न्यूज टुडे ने शुक्रवार के अंक में उजागर की थी। कब्जा लेने गए प्रशासनिक दल ने उसे सही पाया।
इधर, २४ मंदिरों व उनकी जमीनों की सूची में देवगुराडिय़ा के गुटकेश्वर महादेव मंदिर के पास बेशकीमती जमीन है। यहां पर जमीन की कीमत वर्गफीट में है। देवगुराडिय़ा गांव के २३ खसरों की करीब १० हेक्टेयर जमीन मंदिर के नाम पर दर्ज है। चौंकाने वाली बात ये है कि वर्तमान में सिर्फ दो हेक्टेयर जमीन ही नजर आ रही है। अधिकांश जमीन पर कब्जे हो गए हैं।
बताया जाता है कि पुजारी परिवार मंदिर की जमीन को अपनी मालिकाना हक की बताता आया है। जिला प्रशासन को तीन साल पहले एक शिकायत भी हुई थी, जिसमें पुजारी द्वारा जमीन की खरीद-फरोख्त करने की बात कही गई थी। बारीकी से जांच की जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा। मंदिर की जमीन पर बस्तियां तैयार हो गईं हैं।
…तब पटेल ने डपटा था

दो दशक पहले जब सत्यनारायण पटेल पांच नंबर विधानसभा के विधायक थे। उस दौरान देवगुराडिय़ा में वे शहीद की स्मृति में सामुदायिक भवन बनाना चाहते थे। उस दौरान पुजारियों ने जमीन को अपना बताकर अड़ंगा डाल दिया था। उस दौरान पटेल ने जब जांच करवाई तो खुलासा हुआ कि जमीन ट्रस्ट की होकर सरकारी है। इस पर जब पूरी जमीन पर सरकारी कब्जे की बात कही तो पुजारियों ने भवन बनाने पर सहमति दी थी।
प्राचीन मंदिर पर दाल-बाफला पार्टी
ट्रस्ट के मंदिर व जमीनों पर कब्जा लेने के लिए एक दल केसरबाग स्थित श्री पार्वती तुकेश्वर महादेव मंदिर पर पहुंचा, जिसका नेतृत्व पटवारी सचिन मीणा कर रहे थे। मंदिर देखने के बाद दल चौंक गया, क्योंकि यह मंदिर तीन सौ साल पुराना है।
इतिहास के हिसाब से १६७६ के आसपास मंदिर निर्माण हुआ। देवी अहिल्याबाई ने अपने राजकाल में १७७६ से १७९९ के मध्य मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मंदिर के बीचोबीच शिवलिंग है और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित है। एक तरफ वे बालक गणेश को संभाल रही हैं तो दूसरी तरफ भगवान शिव का अभिषेक कर रही हैं। सामने श्रीराम मंदिर भी है।
पूछताछ के दौरान दल को पता चला कि यहां पर दाल-बाफले की पार्टी के अलावा अन्य छोटे-मोटे आयोजनों के लिए जगह किराए पर दी जाती है। बकायदा इसके लिए मंदिर में ही एक ऑफिस भी बना हुआ है। जहां पर बुकिंग का काम होता है। दल ने मंदिर के बाहर सरकार के कब्जे का नोटिस लगा दिया।
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