48 कोर्स की 2653 सीटों के लिए 22 मई को सीइटी हुई थी। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने दावा किया था, इस बार कोई गड़बड़ी नहीं होगी, लेकिन पहले ही दौर से गड़बडिय़ों का सिलसिला जारी है। शुक्रवार देर रात सीइटी का रिजल्ट जारी हुआ। छात्रों ने ऑन्सरशीट से अंकों का मिलान किया तो पाया, उन्हें तय से कम अंक दिए गए हैं। ए और बी ग्रुप के ज्यादातर परीक्षार्थी के रिजल्ट में 4 से 12 अंक का अंतर है। पत्रिका के पास ऐसे कुछ परीक्षार्थियों की ऑन्सरशीट है। विशेषज्ञों से छह कॉपी जंचवाई गईं। इनमें दो में चार-चार, एक में आठ और एक में 12 अंक कम देने की पुष्टि हुई है। छात्रों ने विवि द्वारा जानबूझकर रिजल्ट में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। सवाल उठ रहा है, यदि कम्प्यूटर से मूल्यांकन हुआ तो अंकों के जोड़ में गलती कैसे हो सकती है?
पहली बार नहीं दी रैंक
सीइटी कमेटी ने गोपनीयता के नाम पर पहली बार किसी परीक्षार्थी को रैंक नहीं दी। हर रिजल्ट पासवर्ड प्रोटेक्टेड है। एक परीक्षार्थी दूसरे का रिजल्ट नहीं देख सकता। सूत्रों के अनुसार मेरिट रोकने और रिजल्ट में पासवर्ड अनिवार्यता का मकसद एडमिशन में चहेतों को लाभ पहुंचाना है। सीइटी कमेटी चेयरमैन भी मान रहे हैं, सीइटी के बाद एडमिशन के लिए दलाल सक्रिय रहते हैं। कमेटी ने चारों ग्रुप के टॉपर के नाम और अंक जारी किए हैं। ग्रुप ए में तान्या अग्रवाल (157 अंक), बी में अमृता परसाई (197), सी में अंशुल तिवारी (187) और डी में नीति कुमारी (148) ने टॉप किया है।
सीइटी कमेटी ने गोपनीयता के नाम पर पहली बार किसी परीक्षार्थी को रैंक नहीं दी। हर रिजल्ट पासवर्ड प्रोटेक्टेड है। एक परीक्षार्थी दूसरे का रिजल्ट नहीं देख सकता। सूत्रों के अनुसार मेरिट रोकने और रिजल्ट में पासवर्ड अनिवार्यता का मकसद एडमिशन में चहेतों को लाभ पहुंचाना है। सीइटी कमेटी चेयरमैन भी मान रहे हैं, सीइटी के बाद एडमिशन के लिए दलाल सक्रिय रहते हैं। कमेटी ने चारों ग्रुप के टॉपर के नाम और अंक जारी किए हैं। ग्रुप ए में तान्या अग्रवाल (157 अंक), बी में अमृता परसाई (197), सी में अंशुल तिवारी (187) और डी में नीति कुमारी (148) ने टॉप किया है।
7 दिन में हटाएंगे रिजल्ट!
सीइटी कमेटी के कुछ फैसले रिजल्ट में गड़बड़ी जानबूझकर करने की आशंका को बल दे रहे हैं। कमेटी ने नोटिस जारी किया है कि ये रिजल्ट सात दिनों के भीतर वेबसाइट से हटा दिया जाएगा।
सीइटी कमेटी के कुछ फैसले रिजल्ट में गड़बड़ी जानबूझकर करने की आशंका को बल दे रहे हैं। कमेटी ने नोटिस जारी किया है कि ये रिजल्ट सात दिनों के भीतर वेबसाइट से हटा दिया जाएगा।
तीन ग्रुप के मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। मैं खुद कॉपियां दिखा रहा हूं। गोपनीयता लिए हम मेरिट लिस्ट जारी कर नहीं कर रहे। सिर्फ सबसे ज्यादा अंक घोषित किए जाएंगे।
– डॉ. अनिलकुमार गर्ग, सीइटी चेयरमैन
– डॉ. अनिलकुमार गर्ग, सीइटी चेयरमैन