लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण यूनिवर्सिटी ने टेंडर जारी किए बिना एजेंसी चुनी है। कार्यपरिषद सदस्य व सीनियर प्रोफेसर एजेंसी की कार्यप्रणाली को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, इसलिए सीइटी से एक दिन पहले कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ ने एडमिशन कमेटी की बैठक बुलाई थी। इसमें एडमिशन सेल प्रभारी प्रो. विजयबाबू गुप्ता, रजिस्ट्रार अनिल शर्मा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. वृंदा टोकेकर, ईसी सदस्य आलोक डाबर सहित अन्य सदस्य शामिल थे। इसमें टेस्ट के तुरंत बाद एजेंसी से पूरा डाटा सॉफ्ट कॉपी में लेने का निर्णय लिया गया। परिणाम में गड़बड़ी की आशंका न रहे, इसलिए यूनिवर्सिटी कुछ आंसरशीट की रेंडम सैंपलिंग कराएगी। परिणाम में अंतर आता है तो एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
नहीं मिल पाया सवर्ण आरक्षण का फायदा केंद्र सरकार द्वारा सवर्ण आरक्षण लागू करने का फायदा डीएवीवी के विभागों सहित प्रदेश के कॉलेजों में नहीं मिल सका है। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 फीसदी सीटें आरक्षित की जाना थीं। ईसी सदस्य डाबर ने इस पर बैठक में चर्चा भी की पर राज्य शासन द्वारा अधिसूचना जारी नहीं होने का हवाला देते हुए प्रबंधन ने सीटें बढ़ाने से हाथ खड़े कर दिए।