भाजपा में आमतौर पर ऐसा देखने में नहीं आता है कि टीम बनाए जाने के कुछ ही समय बाद बदलाव कर दिया जाए, पर कल ऐसा हुआ। नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने दीनदयाल भवन की सबसे अहम् जिम्मेदारी वाले पद कार्यालय मंत्री अखिलेश शाह को हटा दिया। उनके स्थान पर सहयोगी के रूप में काम कर रहे मंगल को जिम्मेदारी सौंप दी। साथ ही अपने खास कमल वर्मा को भी सह कार्यालय मंत्री नियुक्ति कर दिया।
अचानक हुआ ये बदलाव किसी के गले नहीं उतर रहा। पर्दे के पीछे की कहानी ये है कि नेमा ने व्यवस्थाओं में परिवर्तन कर साफ कर दिया कि अध्यक्ष के कमरे के अलावा किसी के नाम की प्लेट नहीं होगी। वहीं, कार्यालय मंत्री का जो कमरा होता था, उसे सभी पदाधिकारियों का कर दिया गया। शाह की नेम प्लेट भी हटा दी गई। इससे शाह नाराज थे और वे कई जगहों पर इसका इजहार भी कर चुके थे।
बची कसर उन चर्चाओं ने पूरी कर दी, जिसमें शाह के पर कतरने की वजह तीन नंबर विधानसभा के दावेदार होना बताया जा रहा था। इसको नेमा ने गंभीरता से लेते हुए शाह को हटाने का फैसला कर लिया। इसके साथ ही नेमा ने अपने समर्थकों को भी उपकृत कर दिया। शाह की नियुक्ति पूर्व अध्यक्ष शर्मा की पसंद से हुई थी।
देखा जाए तो उनमें आस्था रखने वाले एक और पदाधिकारी की रवानगी हो गई। गौरतलब है कि मंगल व वर्मा की नियुक्ति के अलावा नेमा ने उपाध्यक्ष सुमित मिश्रा को विधि प्रकोष्ठ का संयोजक तो तीन नंबर विधानसभा के ही महेश पालीवाल को शिक्षा प्रकोष्ठ और मनोज लोढ़े को राजनीति प्रतिपुष्ठि व प्रतिक्रिया विभाग का नगर संयोजक बनाया।
रघुवंशी और खंडेलवाल की वापसी
पूर्व अध्यक्ष शर्मा की टीम में उपाध्यक्ष रहे अजीत रघुवंशी व मंत्री रहे अशोक खंडेलवाल की वापसी हो गई। दोनों ही नेता राजनीति का शिकार हो गए थे। विधायक व क्षेत्रीय संतुलन बैठाने की वजह से नहीं लिया गया था। नेमा ने रघुवंशी को चुनाव प्रबंधन विभाग का नगर संयोजक बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी तो खंडेलावाल को आर्थिक प्रकोष्ठ का संयोजक बना दिया।
पूर्व अध्यक्ष शर्मा की टीम में उपाध्यक्ष रहे अजीत रघुवंशी व मंत्री रहे अशोक खंडेलवाल की वापसी हो गई। दोनों ही नेता राजनीति का शिकार हो गए थे। विधायक व क्षेत्रीय संतुलन बैठाने की वजह से नहीं लिया गया था। नेमा ने रघुवंशी को चुनाव प्रबंधन विभाग का नगर संयोजक बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी तो खंडेलावाल को आर्थिक प्रकोष्ठ का संयोजक बना दिया।
वाघेला देखेंगे दीनदयाल भवन
गौरतलब है कि नगर भाजपा के कार्यालय मंत्री का दायित्व सिर्फ पहली मंजिल तक सीमित है, जबकि कार्यालय खासा बड़ा है। इसको लेकर नेमा ने उपाध्यक्ष कमल वाघेला को संपूर्ण कार्यालय की जिम्मेदारी सौंप दी है। वे नीचे दुकानों से लेकर दूसरी मंजिल के संभागीय कक्षों की भी व्यवस्थाओं को संभालेंगे।
गौरतलब है कि नगर भाजपा के कार्यालय मंत्री का दायित्व सिर्फ पहली मंजिल तक सीमित है, जबकि कार्यालय खासा बड़ा है। इसको लेकर नेमा ने उपाध्यक्ष कमल वाघेला को संपूर्ण कार्यालय की जिम्मेदारी सौंप दी है। वे नीचे दुकानों से लेकर दूसरी मंजिल के संभागीय कक्षों की भी व्यवस्थाओं को संभालेंगे।