३ अपै्रल की शाम को अचानक लिफ्ट बंद हो गई थी। 3 बच्चों सहित 8 लोग फंस गए थे। फंसे यात्री मदद के लिए चिल्लाते रहे। कुछ देर बाद उन्होंने डायल 100 पर सूचना दी। पुलिस, फायर ब्रिगेड की टीम और रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे। लोहे की रॉड से फायर ब्रिगेड की टीम ने दरवाजा खोला और सभी को बाहर निकाला। करीब ४० मिनट तक यात्री लिफ्ट में फंसे रहे थे।
ठगा महसूस करते हैं प्लेटफार्म से बाहर की ओर जाने पर बुजुर्ग और विकलांग यात्री लिफ्ट से बुकिंग हॉल तक पहुंचते और यहां से दूसरी लिफ्ट से सर्कुलेटिंग एरिया में जाते हैं। ऊपर आने के बाद यात्रियों को पता चलता है कि बाहर की ओर लगी लिफ्ट खराब है। उन्हें सहारा लेकर सीढिय़ों से नीचे आना पड़ता है या वापस लिफ्ट से नीचे उतर कर प्लेटफॉर्म से लगे एस्कलेटर का उपयोग कर बाहर आते हैं। व्हील चेयर का उपयोग करने वाले यात्रियों को राजकुमार ब्रिज की ओर से बाहर आना पड़ता है।
ओवरलोड के कारण हुई थी बंद रेल अफसरों के अनुसार लिफ्ट की क्षमता 10 यात्रियों (680 किलो) की है। यात्रियों के अलावा उनका सामान भी था। लिफ्ट ओवर लोड होने से बंद हो गई थी। एक्सपर्ट को बुलवाया और यात्रियों को सकुशल बाहर निकलवाया था। इसके बाद से लिफ्ट शुरू नहीं हुई।
वर्जन- लिफ्ट के पाट्र्स नहीं मिल रहे हैं। कंपनी को कहा गया है कि जल्द से जल्द पाट्र्स लगाकर लिफ्ट शुरू की जाए। जितेंद्र कुमार जयंत, पीआरओ, रतलाम मंडल