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‘सितंबर’ ने चौंकाया, 15 दिन में मात्र इतने घंटे खिली धूप, मौसम वैज्ञानिक भी हुए हैरान कल गांधी सागर डेम सुबह 1318 फीट से ऊपर तक वाटर लेवल चला गया था जो एफआरएल से छह फुट उपर था। बैकवाटर की वजह से नीमच और रामपुरा क्षेत्र में हालात बिगड़ गए। हम डूबे इलाकों पर ध्यान दे रहे हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि बारिश से तीन महीने पहले हमने सभी तैयारियां कर ली थी। अगस्त में सभी बांधों के गेट खोले थे, लेकिन प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश होने से स्थिति बिगड़ गई। उन्होंने लोगों से निवेदन किया कि गांधी सागर क्रेक होने जैसी अफवाह न फैलाएं।
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इन उपभोक्ताओं के बिजली बिल का रंग हो गया है पीला, चेक कीजिए अपना बिल और राशि रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने शुरू किया काम मुख्य सचिव ने कहा कि मुरैना की पांच तहसील बाढ़ की चपेट में है। यहां राहत कैंप लगाए हैं। भिंड में सेना के जवानों की मदद ली जा रही है। एनडीआरएफ और राजस्थान सरकार से बात की है। कुछ दिन में बाढ़ का पानी उतर जाएगा। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने मप्र की बरसात पूर्व तैयारी के लिए बैठक की थी। इसमें सुरक्षा इंतजामों पर चर्चा की गई थी। पिछले 10-12 दिन में कुछ ज्यादा ही बारिश होने से स्थिति बिगड़ी है। फसल नुकसान का पूरा आंकलन कल तक हो जाएगा।