नेहरू जी बच्चों को बहुत प्यार करते थे और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वे बच्चों के साथ रोज वक्त बिताते थे। बच्चे उनसे आसानी से जुड़ जाते थे और इसी वजह से वे बच्चों के बीच लोकप्रिय भी रहते थे। चाचा नेहरू ने बच्चों को अनेक शिक्षाएं दीं जिन्हें आज बच्चों को स्कूलों की किताबों में पढ़ाया जाता है। उन्होंने बच्चों के लिए अनेक शिक्षण और ज्ञानवर्धक सामग्री भी लिखी जिसमें बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा के बारे में बताया गया।
क्या है अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस
20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है। यह अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस है और इसे पूरी दुनिया के देश मनाते हैं। इसे मनाने के मुख्य उद्देश्य है बच्चों के अधिकारों का हनन रोकना। इन अधिकारों का हनन रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा बच्चों के अधिकारों की घोषणा की गई और सभी देशों को इनके पालन करने का निर्देश दिया।
20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है। यह अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस है और इसे पूरी दुनिया के देश मनाते हैं। इसे मनाने के मुख्य उद्देश्य है बच्चों के अधिकारों का हनन रोकना। इन अधिकारों का हनन रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा बच्चों के अधिकारों की घोषणा की गई और सभी देशों को इनके पालन करने का निर्देश दिया।
बाल श्रम से बचाने का लक्ष्य
बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है बच्चों के अधिकारों का हनन रोकना जिसमें बाल श्रम और बाल मजदूरी जैसे मुख्य बिंदू शामिल हैं। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाना है कि बच्चों की पढ़ाई ठीक से हो और 18 साल से पहले उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मिल सकें।
बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है बच्चों के अधिकारों का हनन रोकना जिसमें बाल श्रम और बाल मजदूरी जैसे मुख्य बिंदू शामिल हैं। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाना है कि बच्चों की पढ़ाई ठीक से हो और 18 साल से पहले उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मिल सकें।
स्कूलों में होते हैं विभिन्न कार्यक्रम
बाल दिवस के दिन भारत के स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें चाचा नेहरू पर भाषण प्रतियोगिता, कविताएं और नाटकों आदि के प्रोग्राम रखे जाते हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर बच्चों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और सुरक्षा की भी जानकारी दी जाती है।
बाल दिवस के दिन भारत के स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें चाचा नेहरू पर भाषण प्रतियोगिता, कविताएं और नाटकों आदि के प्रोग्राम रखे जाते हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर बच्चों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और सुरक्षा की भी जानकारी दी जाती है।