मेरा उनका नाता दिया बाती का,
चाचा का है प्यारा फूल गुलाब,
मैं तो कहूं इन्कलाब जिंदाबाद. आज का दिन है बच्चों का,
कोमल मन का और कच्ची कलियों का,
मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे,
चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे.
वो थे बहुत सुहाने पल,
उदासी से न था नाता,
गुस्सा तो कभी न था आता. – सबके मन को भाते चाचा नेहरु,
बच्चों को हंसाते चाचा नेहरु,
दिल में भरा अनोखा प्यार,
करते वो बच्चों को प्यार बेशुमार.
ये है हमको सबसे प्यारा,
काश आज भी चाचा होते पास हमारे,
इनका प्यार है सबसे न्यारा. – बचपन के दिन भुला ना देना,
आज हंसे कल रुला ना देना,
इचक दाना -पिचक दाना, दाने उपर दाना,
कितना प्यारा था बचपन मस्ताना.