scriptPATRIKA STING : दादागीरी से अवैध वसूली कर रहे मंडी के कर्मचारी, शासन को लगा रहे लाखों का फटका VIDEO | choithram mandi's staff doing illegal recovery in indore | Patrika News

PATRIKA STING : दादागीरी से अवैध वसूली कर रहे मंडी के कर्मचारी, शासन को लगा रहे लाखों का फटका VIDEO

locationइंदौरPublished: Jun 13, 2019 03:18:20 pm

चोइथराम सब्जी मंडी पर व्यापारियों से 20 हजार रुपए से ज्यादा की रोज हो रही वसूली, रोजाना 30 हजार रूपए से ज्यादा का राजस्व का नुकसान

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VIDEO : दादागीरी से अवैध वसूली कर रहे मंडी के कर्मचारी, शासन को लगा रहे लाखों का फटका

भूपेंद्र सिंह @ इंदौर. शहर की सबसे बड़ी चोइथराम मंडी में वसूली कर घूसखोरी अपने चरम है। मंडी के तीनों गेट पर बिना वसुली के किसी को आने-जाने नहीं दिया जाता है। तीनों गेट पर मंडी के कर्मचारी किसानों और व्यापारियो से खड़े होकर रोज वसूली करते हंै। यह पैसा मंडी टैक्स के अलावा लिया जाता है। मंडी प्रशासन के अफसरों की नाक के नीचे हो रही वसूली की अनदेखी की जा रही है। पत्रिका एक्सपोज ने मामले का स्टिंग कर खुलासा किया है।
चोइथराम सब्जी मंडी में खरीदी-बिक्री करने वाले को नियमानुसार डेढ़ प्रतिशत मंडी टैक्स चुकाना पड़ता है। इसकी बाकायदा गुलाबी रंग की रसीद दी जाती है। मेन गेट (चेकिंग नाका) पर रसीद दिखाने पर बाहर गाडि़यां बाहर निकाली जा सकती है। इसके अलावा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, लेकिन मंडी के सभी कर्मचारी टैक्स के अलावा गेट नंबर 1 और 2 पर आने जाने वाले वाहनों से पैसा लिए बिना गुजरने नहीं देते हंै। एेसा ही हाल मेन गेट (चेकिंग नाका) के भी है। टैक्स की रसीद दिखाने के बाद भी कर्मचारी व्यापारियों से पैसा ले रहे है। गाड़ी में जितना माल होता है उतना पैसा लिया जाता है।
मंडी गेट पर रहता है वसूलीबाजों का झुंड

कर्मचारी सुबह 6 बजे से लगाकर 12 बजे तक तीनो गेट पर झुंड लगाकर दो पहिया, चार पहिया, इलेक्ट्रिक रिक्शा और ट्रक से वसूली में लगे रहते हैं। जो लोग कर्मचारियों को पैसा नहीं देते है या फिर कम देते हैं, उन्हें मंडी में प्रवेश नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों की तानाशाही खुलेआम हो रही है लेकिन मंडी प्रशासन इस पर मौन हंै। अफसरों की खुली छुट या यंू कहा जाए कि मिलीभगत के चलते इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
स्टिंग 1,2 और 3

गेट नंबर 1
इस गेट से एंट्री होती है। यहां टेबल पर कर्मचारी बैठे थे। दो गार्ड को कर्मचारियों ने वसूली के लिए खड़ा कर रखा था। जो भी गाड़ी अंदर आ रही थी उनसे पांच से बीस रुपए लिए जा रहे थे, जिसकी कोई रसीद नहीं दी जा रही थी। पैसे को गार्ड कर्मचारी की टेबल पर रख रहा था। इसी गेट से जो व्यापारी सब्जियां लेकर बाहर जा रहे थे, उनसे भी 10 रुपए से लेकर 50 रुपए की वसूली हो रही थी।
गेट नंबर 2
इस गेट पर 1 नंबर गेट से भी ज्यादा आवाजाही हो रही थी। यह गेट व्यापारियों के बाहर जाने के लिए है लेकिन वसूली के चक्कर में यहां से भी गाडि़यां अंदर आने दी जा रही थी। एक कर्मचारी बिना रसीद दो पहिया और अन्य वाहनों को रोक-रोक कर माल के हिसाब से 10 से लेकर 50 रुपए तक ले रहा था।
चेकिंग नाका
सबसे ज्यादा घूसखोरी यहीं पर हो रही थी। इस गेट पर पांच से अधिक कर्मचारी तैनात रहते हैं। यहां पर टैक्स की रसीद चेक की जाती है लेकिन रसीद के साथ 10 रुपए से 100 रुपए तक माल के हिसाब से वसूला जा रहा था। यहां पर कर्मचारी व्यापारियों से कड़ा रूख अपनाकर पैसा ले रहे थे।
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कर्मचारी ने सब्जी से भरी रिक्शा रोकी
– कर्मचारी : पचास रुपए दें
– व्यापारी : यह ले लो दस रुपए
– कर्मचारी : नहीं रिक्शा में माल ज्यादा है। नहीं तो मत लाना रिक्शा फिर कभी।
– व्यापारी : ये चालीस रुपए ले लो।
(कर्मचारी ने चालीस रूपए लेकर रिक्शा जाने दी)
शासन को हर माह 8 से 9 लाख का फटका

कर्मचारियों की रिश्वतखोरी के कारण राज्य शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है। मंडी के व्यापारियों के मुताबिक मिलीभगत करके कर्मचारी निर्धारित से कम रकम की रसीद बना देते हैं। ऊपर का पैसा अपनी जेब में रख लेते हैं। व्यापारियों के मुताबिक रोज करीब 300 से ज्यादा वाहनों की आवाजाही होती है जिससे कि रोज 20 हजार रुपए की कुल वसूली की जाती है। कर्मचारियों की मनमानी इस हद तक है कि ये टैक्स के नाम पर पैसा ले लेते है, लेकिन रसीद नहीं देते हंै। लाखों रुपए का व्यापार रोजाना मंडी में होता है। कर्मचारियों की मनमानी की वजह से करीब 30 हजार रुपए का रोज राजस्व का नुकसान सरकार को उठाना पड़ रहा है। वहीं हिसाब माह में लगाया जाए तो यह रकम 8 से 9 लाख रुपए प्रतिमाह तक बैठ जाती है।
हर गाड़ी से सबकी वसूली तय

मंडी में लोडिंग, पैसेंजर रिक्शा, दो पहिया वाहन और ठेले से व्यापारी खरीदी बिक्री करने आते हैं। तीनों गेट पर कर्मचारियों ने गाडिय़ां बांध रखी हैं। एक नंबर गेट से दो पहिया वाहन और ठेलों से वसूली की जाती है। ठेले वालों को रसीद दी जाती है लेकिन दो पहिया वालो से बिना रसीद के वसूली होती है। 2 नंबर गेट से सभी वाहनों की एंट्री पर पैसा लिया जाता है। इसी गेट से अगर कोई दो पहिया वाहन निकलता है तो उससे भी वसूली होती है। चेकिंग नाका पर पैसेंजर रिक्शा और लोडिंग वाहनों से कर्मचारी बड़े पैमाने पर वसूली करते नजर आ सकते हैं। यहां पर कर्मचारी भी ज्यादा है। गाडिय़ों में माल के हिसाब से वसूली करने में कर्मचारियों को महारथ हासिल है।
– अगर चोइथराम मंडी के गेट पर कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है तो यह गलत है। आपके स्टिंग को देखने के बाद जांच करवाई जाएगी। यदि एेसा हो रहा है तो दोषियों को निश्चित ही बख्शा नहीं जाएगा।
महेंद्र दीक्षित, उप संचालक, मंडी बोर्ड

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