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शहरों को अपनी स्ट्रेंथ पर देना होगा ध्यान, जैसा हमने स्वच्छता में किया

locationइंदौरPublished: May 19, 2023 06:11:50 pm

Submitted by:

Mohammad rafik

#UrbanDevelopment: यू-20 की बैठक में बताया समाधान
 

शहरों को अपनी स्ट्रेंथ पर देना होगा ध्यान, जैसा हमने स्वच्छता में किया

शहरों को अपनी स्ट्रेंथ पर देना होगा ध्यान, जैसा हमने स्वच्छता में किया

इंदौर. यू-20 की बैठक गुरुवार को इंदौर में हुई। बैठक में बात हुई कि शहरों को अपनी स्ट्रेंथ को पहचान कर उसे तकनीक से जोड़ना होगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने उदाहरण दिया कि इंदौर ने सफाई में स्ट्रेंथ पहचानी और उस पर लगातार काम किया। यू-20 के लिए 6 विषयों पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार को प्रोत्साहित करना, जल सुरक्षा सुनिश्चित करना, त्वरित जलवायु परिवर्तन, स्थानीय क्षमता व पहचान का लाभ उठाना, शहरी प्रशासन व नियोजन ढांचे को फिर से बनाना और डिजिटल शहरी भविष्य को प्रेरित करने पर चर्चा होनी है। इनमें से तीन विषयों पर इंदौर में चर्चा हुई। बैठक का शुभारंभ सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। बैठक में आए मेहमानों के लिए गुरुवार सुबह हेरिटेज वॉक का आयोजन किया। शाम को कुछ मेहमान 56 दुकान पहुंचे और व्यंजनों का स्वाद चखा।
पहला सत्र: डिजिटल शहरी भविष्य को प्रेरित करना

चर्चा में केंद्रीय शहरी एवं आवासन विभाग के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के राहुल कपूर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर के पंकज शर्मा, ई-गोव फाउंडेशन के सीओओ चंदर मुथूकृष्णन, ओएमआइ फाउंडेशन के रोशन तोषनीवाल, राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन के चीफ प्रोग्राम ऑफिसर मनप्रीतसिंह और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल सेल्फ गवर्नेंस के पशिम तिवारी ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने आवाजाही, सिक्यूरिटी, स्वास्थ्यगत सुविधाएं, ऊर्जा सहित छह क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन की बात कही। शहरों में डिजिटलाइजेशन चार लेयर वर्किंग, सेंसर, ऐप्लीकेशन और डाटा के स्तर पर किया जा सकता है। एक्सपर्ट ने डिजिटलाइजेशन के फायदे गिनाए। डाटा ट्रांसफर की सिक्यूरिटी को लेकर एक्सपर्ट ने जवाब भी दिए।
दूसरा सत्र: शहरी प्रशासन और प्लानिंग की रूपरेखा

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर के संचालक हितेश वैद्य, नगर निवेशकों की संस्था आइटीपीआइ के मप्र चैप्टर के चेयरमैन वीपी कुलश्रेष्ठ, एमएएनआइटी की आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट की प्रोफेसर अलका भरत, जीआइएच के एडवाइजर सौरभ मंजूला और प्रजा फाउंडेशन के सीइओ मिलिंद म्हस्के शामिल हुए। वैद्य ने प्लानिंग में विद्यार्थियों, उद्योगों, व्यापारियों और अलग-अलग क्षेत्र के लोगों से राय लेने की जरूरत बताई। शहरों की प्लानिंग 20 की बजाए 5 या 10 साल के हिसाब से करने पर जोर दिया। कुलश्रेष्ठ ने कहा, मास्टर प्लान शहरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार करना चाहिए। प्रो. भरत ने वर्तमान स्थिति और भविष्य के लिए प्लानिंग पर जोर दिया।
तीसरा सत्र: स्थानीय पहचान को बढ़ाना

अहमदाबाद नगर निगम के उपायुक्त और यू-20 शेरपा प्रवीण चौधरी, वॉक्सेन यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर पीयूष पंड्या, सेंटर फॉर हेरिटेज कंजर्वेशन की हेड प्रो. जिग्ना देसाई, इंटेक हेरिटेज एकेडमी की संचालक डॉ. पारूल मूंजाल, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर मैनेजमेंट के डायरेक्टर डॉ. नीलकमल और उज्जैन नगर निगम के आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने बात की। प्रो. देसाई ने कहा, हम किसी भी शहर के दो हिस्सों में रहने वालों की समस्याओं को एक नहीं मान सकते। डॉ. मूंजाल ने कहा, ऐतिहासिक शहर और ऐतिहासिक स्थान में अंतर होता है। ऐतिहासिक शहर में वहां की पुरातन लाइफ स्टाइल को संजोना जरूरी है।
हमारे शहर से रखी ये बातें

शंकर लालवानी, सांसद: यू-20 बैठक से देश के शहरों को विकास की राह और परेशानियों का हल मिलेगा।

पुष्यमित्र भार्गव, महापौर: यू 20 के तहत 6 थीम पर काम किया जा रहा है। इंदौर ने स्वच्छता को स्ट्रेंथ बनाकर काम किया तो देश-विदेश के लोग भी आकर्षित हुए हैं। इंदौर की स्वच्छता नेे देश को एकसूत्र में बांधा है। इंदौर ने पहला पेपर लेस बजट पेश कर डिजिटल इंदौर की ओर कदम बढ़ाए हैं।
नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव नगरीय आवास व विकास: इंदौर जीरो वेस्ट इवेंट के साथ 3आर सिद्धांत पर काम कर रहा है।

हर्षिका सिंह, निगमायुक्त: तकनीकी विशेषज्ञों के तथ्यों से नए बदलाव लाएंगे। स्वच्छता के साथ ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखने की कोशिश जारी है।

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