इंदौर. कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बगावत कर एक नंबर विधानसभा में चुनाव लडऩे वाले कमलेश खंडेलवाल को पार्टी से निष्कासित करने के बाद फिर से लिया गया है। इससे एक नंबर के कई नेता नाराज हैं। उनके विरोधी एक जाजम पर आ गए हैं। इससे उनके टिकट पर संकट के बादल छा गए हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बगावत करके कमलेश खंडेलवाल निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इस कारण कांग्रेस के प्रत्याशी दीपू यादव तीसरे नंबर पर रहे और हार मिली थी। यादव ने भोपाल से दिल्ली तक शिकायत की थी और प्रदेशाध्यक्ष रहे अरुण यादव के जरिए पार्टी से ६ साल के लिए निष्कासित करा दिया था। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के बनते ही कमलेश को पार्टी में लेने की सुगबुगाहट शुरू हुई, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष अरुण के रहते और दीपू के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया। नवागत प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी से बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे नेताओं का निष्कासन खत्म कर वापस कांग्रेस में ले लिया है। शर्त रखी कि वापसी करने वाले कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे में कमलेश के टिकट पर संकट खड़े हो गए हैं। एक नंबर के कई नेता उनके कांग्रेस में आने से नाराज हैं। इनमें केके यादव, दीपू यादव, संजय शुक्ला और गोलू अग्निहोत्री आदि शामिल हैं। ये सभी एक जाजम पर आ गए हैं, ताकि इस बार के चुनाव में भी कमलेश को एक नंबर से टिकट न मिल सके।
जो पार्टी तय करेगी, वही होगा
कमलेश का कहना है कि जो पार्टी तय करेगी, वही होगा। किसी के विरोध करने और नाराजगी से कुछ नहीं होता। पार्टी के वरिष्ठ नेता अगर चुनावी मैदान में उतरने का मौका देंगे, तो जरूर लड़ूंगा।
पदाधिकारी बने नेताओं का सम्मान
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ ने पदभार ग्रहण करते ही छोटी कार्यकारिणी भी घोषित कर दी थी। इंदौर के दो समर्थकों को पद देकर उपकृत भी किया। राऊ विधायक जीतू पटवारी को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। कमेटी में इंदौर से तीन नेताओं के पदाधिकारी बनने पर सम्मान समारोह आज शाम ४ बजे पार्टी कार्यालय गांधी भवन में होगा। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष पटवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष सीपी शेखर और मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का सम्मान शहर कांग्रेस कमेटी करेगी।
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