ये है इंदौर की ताकत
जलस्त्रोतों का शुद्धिकरण – नगर निगम ने बाकी शहरों से एक कदम आगे रहने की अपनी पॉलिसी के चलते नदी-नालों की सफाई का काम शुरू किया है। इसके चलते शहर के जलस्त्रोतों का शुद्धिकरण किया जा रहा है। शहर में मौजूद सभी नदी और नालों में मिलने वाले सीवरेज के पानी को रोकने के लिए नाला टेपिंग की लाइन डालने के साथ ही सीवरेज लाइन का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया जा रहा है। जिसमें काफी हद तक निगम को सफलता भी मिल गई है। गंदे पानी के कई नाले लगभग सुख चुके हैं।
जीरो वेस्ट वार्ड
नगर निगम ने शहर में पांच वार्डों को जीरो वेस्ट वार्ड बनाने के लिए काम शुरू किया था। इसमें इन वार्डों में निकलने वाले गीले कचरे से घरों में ही खाद बनाने या सामुदायिक पीट का निर्माण कर वहीं पर उसकी खाद बनाने का काम शुरू किया था। वहीं सूखे कचरे को भी इकठ्ठा कर उससे सामान बनाने और उससे वहीं पर ही पुन:उपयोग करने का काम शुरू किया गया था। इनमें से चार वार्डों को जहां पूरी तरह से जीरो वेस्ट वार्ड बना दिया गया है। वहीं पांचवे वार्ड का काम भी अंतिम चरणों में चल रहा है।
ये है कमजोरी
लगातार चार बार नंबर वन का खिताब हासिल करने वाले इंदौर शहर की सबसे बड़ी कमजोरी जनता के फीडबैक के तौर पर ही सामने आती रही है। हर बार सीधे सर्वे, कागजी कार्रवाई, नवाचार आदि मामलों में तो इंदौर को पूरे नंबर मिलते रहे हैं। लेकिन जनता के द्वारा दिए जाने वाले फीडबैक के मामले में इंदौर हमेशा पिछड़ा रहा है। इंदौर को हमेशा इसमें काफी कम नंबर मिलते रहे हैं। नगर निगम इस खामी पर लगातार काम भी कर रही है, लेकिन उसके बाद भी जनता के फीडबैक के मामले में शहर को हमेशा निराशा ही हाथ लगती है। स्वच्छता सर्वे 2021 के लिए हुए पब्लिक फीडबैक में भी इंदौर पिछड़ गया है।