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भारत-वेस्टइंडीज मैच पर संकट के बादल

locationइंदौरPublished: Oct 01, 2018 09:00:23 am

Submitted by:

amit mandloi

– मामला इंदौर में मैच का – बोर्ड द्वारा पास को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर एमपीसीए ने किया मेल – एमपीसीए ने मैच कराने में जताई असमर्थता, बीसीसीआइ द्वारा मांगे मुफ्त पास बना कारण

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भारत-वेस्टइंडीज मैच पर संकट के बादल

इंदौर. भारत-वेस्टइंडीज के बीच होलकर स्टेडियम में 24 अक्टूबर को होने वाले एक दिनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच पर संकट के बादल छा गए हैं। बीसीसीआइ द्वारा एमपीसीए से पैवेलियन के 1200 मुफ्त पास मांगने से खींचतान बढ़ गई है। देर रात एमपीसीए ने बीसीसीआइ को इमेल कर मैच कराने में असमर्थता जताई।
एमपीसीए सचिव मिलिंद कनमड़ीकर ने बताया, बीसीसीआइ द्वारा मुफ्त पास पर स्थिति स्पष्ट नहीं करने से हम तैयारियों में पिछड़ गए। शेष समय में बेहतर तरीके से मैच कराने में परेशानी आएगी। इसलिए मैच कराने में असमर्थता जताई है। रविवार देर रात तक बीसीसीआइ ने जवाब नहीं दिया था। ‘पत्रिका’ ने 22 सितंबर को बोर्ड की मनमानी का खुलासा किया था।
पास की खींचतान में मांगा दो साल का रेकॉर्ड
मुफ्त पास की खींचतान के बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बीसीसीआइ की सीओए ने 2 साल में इंदौर में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैचों में वितरित मुफ्त पास की जानकारी मांगी थी। सीओए के इमेल के बाद एमपीसीए से बीसीसीआइ का विवाद बढ़ गया। अन्य राज्य संगठन भी मुफ्त पास पर बीसीसीआइ का विरोध करेंगे।
किसी के लिए भी फ्री पास का कोटा नहीं
सूत्रों के मुताबिक, एमपीसीए के पूर्व में भेजे इमेल के जवाब में बीसीसीआइ ने साउथ पैवेलियन के 10 में से 5 प्रतिशत पास देने को कहा था। बोर्ड ने यह भी निर्देशित किया था, स्टेडियम क्षमता के 10 फीसदी मुफ्त पास के अलावा ९० प्रतिशत सीटों के टिकट की बिक्री सिर्फ जनता में की जाए। किसी के लिए पास का कोटा न रखा जाए। पुलिस, प्रशासन, क्रिकेटर, पूर्व खिलाड़ी, एमपीसीए सदस्य, अंपायर, स्कोरर सहित किसी भी संभागीय इकाई के लिए पासेस का कोटा न रखा जाए। टिकट बिक्री की जानकारी वेबसाइट पर अपडेट करें। एमपीसीए सदस्यों के लिए भी नि:शुल्क पास का कोटा नहीं होना चाहिए। इधर, मैच कराने में असमर्थता जताने पर सदस्य संजीव गुप्ता ने इमेल कर कहा, मुफ्त पास के बजाय मैच जरूरी है।
यह है मामला : क्रिकेट सुधार को लेकर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए आदेश के विपरीत बीसीसीआइ ने एमपीसीए से १३०० पैवेलियन के नि:शुल्क पास मांंगे थे। कोर्ट के आदेश मुताबिक स्टेडियम क्षमता के 10 फीसदी से अधिक पास नहीं दिए जा सकते हैं।

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