scriptकर्ज माफी पर कमलनाथ सरकार की घेराबंदी | CM Kamalnat: Karj Mafi in MP: Kisan Andolan in MP | Patrika News

कर्ज माफी पर कमलनाथ सरकार की घेराबंदी

locationइंदौरPublished: Sep 17, 2019 11:41:14 am

Submitted by:

Pawan Rathore

धोखेबाज किसान के जरिए सरकार पर निशाना
प्रदर्शन में किसानों ने उठाया कर्ज माफी का भी मुद्दा, मांगे आंकड़े

कर्ज माफी पर कमलनाथ सरकार की घेराबंदी

kisan andolan

Indore News.

इंदौर और देपालपुर के 200 से अधिक किसानों का 2 करोड़ 86 लाख रुपए लेकर भागे व्यापारी हरिनारायण खंडेलवाल के खिलाफ कल किसानों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में किसानों ने व्यापारी से पैसे दिलवाने की जोरदार मांग उठाई, मगर इसके साथ ही कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधते हुए कर्ज माफी के वास्तविक आंकड़े मांग लिए।
किसानों के साथ खंडेलवाल की जालसाजी पिछले छह महीने से सुर्खियों में है। किसान कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक को गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें कहीं से न्याय नहीं मिल रहा। इसको लेकर किसानों का गुस्सा कल फूट पड़ा और लक्ष्मीबाई मंडी में चक्काजाम कर दिया। किसान एक तरफ तो व्यापारी खंडेलवाल और उसके परिजनों पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए अड़े थे, दूसरी तरफ सरकार के रवैये को लेकर भी उनकी गहरी नाराजी थी। व्यापारी पर तो प्रकरण दर्ज नहीं हुआ, लेकिन किसानों ने कर्ज माफी का मुद्दा उठा दिया और सरकार का आड़े हाथों लेते हुए वास्तविक आंकड़े मांग लिए।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष बबलू जाधव ने कहा कि वचन पत्र में किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किए जाने की बात कही गई थी। अब कांग्रेस अपने वादे से मुकर गई है और सिर्फ फसल कर्ज माफी की बात करने लगी है। मालूम हो कि, राज्य सरकार ने किसान कर्जमाफी के लिए तीन अलग-अलग रंग के आवेदन किसानों से मांगे थे किसानों ने पंचायतों में अपने आवेदन जमा किए थे। उसी के आधार पर सरकार ने दावा किया था कि राज्य में 55 लाख किसानों पर कर्ज है। इनमें से 21 लाख किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जा चुका हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण प्रक्रिया रुक गई और चुनाव होते ही कर्ज माफ किया जाएगा, लेकिन किसी वादे को पूरा नहीं किया गया। सारे वादे झूठे प्रतीत होते हैं
कौन है फर्म का मालिक
किसानों का कहना है कि मंडी प्रशासन यह कहकर पल्ला झाड़ रहा है कि गेहूं की बिक्री मंडी के बाहर की थी। लेकिन हकीकत यह है कि हरिनारायण खंडेलवाल की फर्म राधे श्याम ट्रेडिंग कंपनी ने खरीदी मंडी अधिकारियों के कहने पर की थी। सवाल यह उठ रहा है कि राधे श्याम ट्रेडिंग कंपनी का वास्तविक मालिक कौन है। दस्तावेजों के अनुसार कंपनी का संचालक चंद्रशेखर को बताया जा रहा है, जबकि चेक हरिनारायण खंडेलवाल ने जारी किए थे। पता चला कि चंद्रशेखर, हरिनारायण खंडेलवाल के नौकरानी का बेटा है, जिसे स्वयं चंद्रशेखर ने कबूल किया कि उसका खंडेलवाल से किसी प्रकार से कोई लेन-देन नहीं है और उसे किसी विषय में जानकारी नहीं है। साफ है कि हरिनारायण खंडेलवाल ने फर्जी फर्म का निर्माण कर चंद्रशेखर के नाम से कारोबार किया। खंडेलवाललंबे समय से जालसाजी का यह षड्यंत्र कर रहा था और इसमें मंडी सचिव एवं अन्य कर्मचारी भी शामिल थे।
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