मुख्यमंत्री ने जानी व्यापारियों, उद्योगपतियों और प्रोफेशनल्स की समस्या, कांग्रेसियों ने बिगाड़ी कार्यक्रम की व्यवस्था, जमकर धक्कामुक्की
कमल नाथ बोले- लकीर के फकीर बने बैठे हैं प्रदेश के अफसर
इंदौर. अफसरों की सोच में कैसे परिवर्तन आए। उन्होंने 15 साल तक जो किया, उसी लाइन पर चल रहे हैं। अब इनका नजरिया बदलना होगा, क्योंकि सब लकीर के फकीर बनकर बैठे हैं। मैं किसी की आलोचना नहीं करता हूं, लेकिन व्यवस्थाओं में बदलाव के साथ नीति बनाने की जरूरत है। कांग्रेस सरकार इस पर काम करने के साथ व्यापारियों और उद्योगपतियों का पूरा सहयोग करेगी।
यह बात मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कल शाम को उस समय कही, जब वे शहर कांग्रेस के बैनर तले ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में शहर के व्यापारियों, उद्योगपतियों, बिल्डर और प्रोफेशनल्स से वन-टू-वन बात कर रहे थे। इनकी समस्या जानने के साथ हर संभव हल करने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया। साथ ही समस्याओं और शिकायतों सहित सवालों को ई-मेल करने की बात कही। जीएसटी, नोटबंदी, रियल स्टेट, नए उद्योग लगाने, व्यापार में हो रही समस्या, वैध कॉलोनियों को अवैध में डालने, नगर निगम व टीएंडसीपी में नक्शा मंजूर कराने में होने वाली परेशानी और सरकारी तंत्र में बैठे अफसरों की मनमानी को लेकर शिकायत मुख्यमंत्री से की गई। इस पर उन्होंने कहा कि अभी आचार संहिता लगी है। अगर यह संवाद कार्यक्रम चुनाव खत्म होने के 10 दिन बाद होता, तो आपकी हर समस्या का निराकरण करवाकर हाथोहाथ खत्म करवाता। चाहे कौन से भी विभाग का अफसर हो, उसे आपके सामने खड़ा करके काम करवाता। अभी किसी भी मामले में अफसर आपको शोकाज नोटिस देते हैं। मैं चाहता हूं कि आप उनको शोकाज नोटिस दें। उन्होंने कहा कि आप हमारी आचोलना करेंगे, तभी हम सुधरेंगे। आपकी बातें सुनकर जय रामजी की… करने के लिए नहीं आया हूं। यह मेरा सिस्टम नहीं है। आपकी बात सुनने के बाद कुछ काम करूं यह चाहता हूं इसलिए सरकार पर विश्वास करें, क्योंकि यह राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। इसमें मैं राजनीति लाना भी नहीं चाहता हूं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नाथ ने पानी की कमी को दूर करने के लिए जहां वॉटर रिचार्जिंग लगाने की बात पर जोर दिया, वहीं इंदौर को कैसे फैलाएं, इस पर काम करने की बात कही। पूरे प्रदेश का नया मास्टर प्लान बनाने की बात भी उन्होंने कही। शहर के व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए रखे गए कार्यक्रम का पूरी तरह से राजनीतिकरण हो गया, क्योंकि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कुर्सियों पर कब्जा कर लिया। कांग्रेसियों की भीड़ ने जहां कार्यक्रम की व्यवस्था को बिगाड़ा, वहीं मुख्यमंत्री के आने और जाने पर जमकर धक्का-मुक्की की। इसमें नाथ गिरते-गिरते बचे।
अंग्रेजी में बाकलीवाल का हाथ टाइट देख नाथ ने पढ़ा मैसेज मुख्यमंत्री नाथ के मोबाइल पर किसी का अंग्रेजी में मैसेज आया। इस पर उन्होंने पास खड़े शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को मैसेज पढ़कर सुनाने और हिंदी में समझाने को कहा। पढऩे के दौरान बाकलीवाल का अंग्रेजी में हाथ टाइट देखकर नाथ ने उन्हें बुलाया और मोबाइल लेकर पूरा मैसेज खुद पढ़कर समझाया भी। कैशलेस और ऑनलाइन पेमेंट को लेकर यह मैसेज था।
महिलाओं की कुर्सी पर जा बैठे, उठाया तो लडऩे लगे बागड़ी कार्यक्रम में जैसे ही मुख्यमंत्री नाथ की इंट्री हुई, वैसे ही उनके साथ कांग्रेसियों की भीड़ भी आ गई। मंच के दाईं तरफ मंत्री, विधायक और कांग्रेस के अन्य पदाधिकारियों के बैठने की व्यवस्था थी। यहां कुर्सियां पहले ही भर गईं। कांग्रेस नेताओं को जगह नहीं मिली, तो वे इधर-उधर जगह तलाश कर बैठ गए। महिला उद्योगपतियों के साथ कांग्रेस नेत्रियां भी बैठीं थीं। नाथ के आने पर कुर्सी छोड़ जैसे ही नेत्रियां खड़ी हुईं, वैसे ही एक कुर्सी पर पूर्व पार्षद अरविंद बागड़ी बैठ गए। उन्हें कविता शुक्ला और किरण जिरते ने उठने के लिए कहा। वे नहीं उठे और कांग्रेस नेत्रियों से भिड़ लिए। विवाद होता देख राजेश चौकसे पहुंचे और सभी को समझाइश देकर बैठाया। विवाद होने के बावजूद बागड़ी पूरे समय महिलाओं के बीच में ही बैठ रहे।
झलकियां…. – कार्यक्रम का संचालन अनामिका बाकलीवाल ने किया, जिन्होंने सीएम का नाम कमल नाथ सिंह कर दिया। – मुख्यमंत्री के लिए मंच पर लगी शाही कुर्सी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। उनकी उपस्थिति अलग दिखाने के लिए राकेश यादव ने ये शाही कुर्सी लगवाई थी। – कांग्रेसियों की भीड़ ज्यादा होने पर व्यवस्था गड़बड़ा गई, जिसे सुधारने में शैलेष गर्ग, सन्नी राजपाल, अमित चौरसिया, धर्मेंद्र गेंदर आदि लगे रहे। – मंच पर सीएम के साथ सिर्फ बाकलीवाल थे। मंत्री, विधायक और कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी नीचे बैठे थे। इसको लेकर नाराजगी थी। – नाथ के भाषण के दौरान कांग्रेस नेता गजेंद्र वर्मा मंच के सामने ही खड़े हो गए। इस पर अन्य नेताओं ने आपत्ति लेकर बैठाया। – बाकलीवाल ने व्यापारियों और उद्योगपतियों को बोलने के लिए 3 मिनट का समय दिया। इससे ज्यादा समय होने पर वे बार-बार बीच में टोकने लगे। इस पर व्यापारियों और उद्योगपतियों ने नराजगी जाहिर की। – रमेश खंडेलवाल, अनिरुद्ध गर्ग, अजय बागडिय़ा, दीपक जरयानी, नीलम चावला, नीलेश मालपानी, संदीप बडज़ात्या, सुरेश अग्रवाल, सौरभ पाटनी, गोपालदास अग्रवाल और अमित गोयल आदि ने बात रखी।