प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर मतदान 19 मई को हो गया है। अब रिजल्ट आने का इंतजार है, जो कल आएगा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद चुनाव लडऩे के दौरान प्रत्याशियों को सरकारी तंत्र की वजह से क्या-क्या परेशानी हुई। यह जानने के लिए कमल नाथ ने कल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते बैठक बुलाई। इसमें प्रदेश की सभी 29 सीटों के लोकसभा प्रत्याशियों को बुलाया गया। इनसे चुनाव को लेकर कांग्रेस के पक्ष में कैसा माहौल रहा और हार-जीत का क्या गणित रहेगा? यह नाथ ने जाना। इस पर प्रत्याशियों का कहना था कि हमने तो चुनाव पूरी ताकत के साथ और अच्छे से लड़ा है। अब देखते हैं परिणाम क्या होगा? वैसे हर प्रत्याशी ने जीत का दावा किया है। इंदौर सीट से संघवी ने भी विधानसभा और बूथवाइज हार-जीत का गणित नाथ को बताया। साथ ही इस बार इंदौर सीट पर कांग्रेस का झंडा लहराने का दावा किया। चुनाव के दौरान किन कांग्रेसियों ने काम किया और किसने नहीं, इस बारे में पूछने पर उन्होंने किसी की शिकायत नहीं कि और कहा कि सभी ने मिलकर चुनाव लड़ा है, इसलिए परिणाम भी अच्छे आएंगे।
सक्रिय नहीं थे कई नेता
मतदान के दिन कई कांग्रेसी सक्रिय नहीं थे। कई नेता तो दोपहर बाद अपने क्षेत्र में निकले। किसी-न-किसी बात को लेकर नाराज चलने वाले नेता काम पर नहीं लगे। ऐसे में पंकज और शहर कांग्रेस को बूथ मैनेजमेंट में काफी पसीना बहाना पड़ा था। हालांकि अभी किसी कांग्रेसी की शिकायत नहीं की गई। अगर परिणाम अच्छे आए तो ठीक, वरना काम न करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। लोकसभा प्रत्याशियों के साथ विधायकों को भी भोपाल बुलाया गया था। पहले इनसे भी चुनाव का पूरा फीडबैक लिया गया है। संकट में आई सरकार को कैसे बचाया जाए, इस पर गहन मंथन किया गया। बैठक में विधायकों ने कांग्रेस का साथ न छोडऩे की बात कही। गौरतलब है कि प्रदेश की 29 सीटों में से अधिकतर पर जीत हासिल करने के लिए नाथ मतदान से पहले ही मंत्री और विधायकों को काम पर लगा गए थे। उन्होंने हारने पर कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं।
मतदान के दिन कई कांग्रेसी सक्रिय नहीं थे। कई नेता तो दोपहर बाद अपने क्षेत्र में निकले। किसी-न-किसी बात को लेकर नाराज चलने वाले नेता काम पर नहीं लगे। ऐसे में पंकज और शहर कांग्रेस को बूथ मैनेजमेंट में काफी पसीना बहाना पड़ा था। हालांकि अभी किसी कांग्रेसी की शिकायत नहीं की गई। अगर परिणाम अच्छे आए तो ठीक, वरना काम न करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। लोकसभा प्रत्याशियों के साथ विधायकों को भी भोपाल बुलाया गया था। पहले इनसे भी चुनाव का पूरा फीडबैक लिया गया है। संकट में आई सरकार को कैसे बचाया जाए, इस पर गहन मंथन किया गया। बैठक में विधायकों ने कांग्रेस का साथ न छोडऩे की बात कही। गौरतलब है कि प्रदेश की 29 सीटों में से अधिकतर पर जीत हासिल करने के लिए नाथ मतदान से पहले ही मंत्री और विधायकों को काम पर लगा गए थे। उन्होंने हारने पर कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं।