must read : पीएससी ने 330 पदों के लिए घोषित की परीक्षा की तारीख, इस बार हटा दिए ये सात बड़े पद स्वच्छता सर्वेक्षण में चौथी बार नंबर वन आने के लिए नगर निगम की टीम मुस्तैद हो गई है। 20 नवंबर के आसपास सर्वे टीम इंदौर आने वाली है, जिसे खामियां नजर नहीं आए। पिछले दिनों जांच के दौरान कई कई सार्वजजिक कम्यूनिटी टॉयलेट की स्थिति खराब थी, जिसके बाद अफसरों ने सुधार के निर्देश दिए थे। उनकी जांच करने के लिए आज सुबह कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव खुद नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह के साथ दौरे पर निकले। वे सत्यसाईं स्कूल, देवास नाका, छप्पन दुकान सहित कई जगहों पर घूमे। जांच के दौरान कर्मचारियों को निर्देश भी दिए।
must read : उपायुक्त को चूडिय़ां भेंट करने वाले भाजपा नेता के पिता का तबादला, गुुस्से में बोले- ‘सिंघम’ का मुंह करेंगे काला चर्चा के दौरान कलेक्टर जाटव ने कहा कि जहां पर कचरे का निपटान रहवासी खुद कर रहे हैं उनकी स्टैंडर्ड प्रक्रिया बनाई जाए जिसका पालन कराया जाए ताकि आईएफओ सर्टिफिकेट दिया जा सके। साथ में ऐसा करने वाले रहवासी संघ को कुछ लाभ दिए जाने पर भी विचार करने का कहा है। इधर, स्वास्थ्य प्रभारी व अपर आयुक्त रजनीश कसेरा ने सुपर कॉरिडर तो उपायुक्त संदीप सोनी ने स्टार चौराहे क्षेत्र की जांच की। इसके अलावा सभी अपर आयुक्त, उपायुक्त और जोनल अधिकारी व स्वास्थ्य अधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्र की सार्वजनिक टॉयलेट की जांच करने पहुंचे थे।
पिछले सप्ताह बुरे थे हाल पिछले दिनों न्यूज टुडे ने शहर के सार्वजनिक टॉयलेट का स्कैन कर बताया था कि सफाई न होने से गदंगी पसरी रहती है, वहीं कहीं पानी नहीं तो कहीं लाइट नहीं। नल तक गायब हो गए। इससे लोगों को परेशानी होती है। इस पर नगर निगम आयुक्त ने सर्वे से पहले इन सार्वजनिक-कम्यूनिटी टॉयलेटों के दुरुस्तीकरण के आदेश दिए थे। उसके बाद आज जांच करने के लिए अफसरों की टीम मैदान में उतरी थी।