एयरपोर्ट प्रबंधन के पास शिकायतें बढ़ती जा रही थीं, जिसे लेकर कई बार कंपनी को नोटिस भी जारी किए। वहीं मुख्यालय को भी रिपोर्ट भेजी गई। माना जा रहा है, उसी रिपोर्ट के आधार पर ही एयरपोर्ट मुख्यालय ने ठेका निरस्त करने की कार्रवाई की गई है। एयरपोर्ट डायरेक्टर अर्यमा सान्याल ने बताया, सोमवार रात 12 बजे से कंपनी को हटाकर पार्र्किंग व्यवस्था का पूरा जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है।
नई योजना पर करेंगे अमल एयरपोर्ट प्रबंधन ने नई योजना बनाकर एएआइ (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को भेजी है, जिसे इंदौर एयरपोर्ट पर भी लागू किया जा सकता है। इस योजना में 7 मिनट के लिए नि:शुल्क होने वाली पिक एंड ड्राप सुविधा खत्म हो सकती है। सभी वाहनों से निश्चित समयावधि के लिए समान रूप से इंट्री के साथ ही पार्किंग शुल्क वसूला जाएगा, जो 20 से 30 रुपए के बीच होगा।
पहले ली थी कोर्ट की शरण ठेकेदार कंपनी की लगातार शिकायतों के चलते कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए पहले ही न्यायालय की शरण ले ली थी। दरअसल, एयरपोर्ट प्रबंधन काफी पहले उक्त कंपनी का ठेका निरस्त कर देता, लेकिन मामले में कानूनी पेंच फंसने की वजह से कार्रवाई को टाला गया। बाद में ठेका दिए जाने की नियम व शर्तों के मुताबिक ठेका छीन लिया गया। अब एयरपोर्ट पर आने वाले सभी वाहनों की निगरानी से लेकर पार्र्किंग शुल्क वसूली तक का काम एयरपोर्ट से जुड़े लोग ही करेंगे। इसमें पारदर्शिता के लिए ऑटोमेटिक मशीन व कैमरे की मदद भी ली जाएगी।