टेक्नोसीस ने जहां हाईकोर्ट तिराहा और इंद्रप्रस्थ चौराहा पर, वहीं आइबीआइ ने एग्रीकल्चर चौराहे और उसके पहले होमगार्ड दफ्तर चौराहे पर सिस्टम लगाया था। दोनों के सिस्टम किस तरह काम करते हैं, इसमें दिखाया गया था। हालांकि रविवार को इन दोनों सिस्टम को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। सोमवार को अफसर एक बार और निरीक्षण करने के बाद ही फैसला लेंगे।
ये रहेगा सिस्टम में
ये रहेगा सिस्टम में
-शहर में 50 ट्रैफिक जंक्शनों पर वाहनों की भीड़ से मुक्ति और सुगम आवाजाही के लिए 4डी रडार की स्थापना की जाना है।
-4डी रडार ट्रैफिक सिग्नल से 180 मीटर की दूरी तक वाहनों पर नजर रख सकते हैं।
-4डी रडार ट्रैफिक सिग्नल से 180 मीटर की दूरी तक वाहनों पर नजर रख सकते हैं।
-रडार चौराहों पर तेजी के साथ लाल बत्ती के उल्लंघन को पकड़ लेगा।
-तेज गति से चलने वाले वाहनों को भी दूर से ही पहचान कर उसका नंबर तुरंत कंट्रोल रूम पर भेज देगा। पूरे शहर में इसके 20 लेन स्थापित किए जाएंगे।
-तेज गति से चलने वाले वाहनों को भी दूर से ही पहचान कर उसका नंबर तुरंत कंट्रोल रूम पर भेज देगा। पूरे शहर में इसके 20 लेन स्थापित किए जाएंगे।
-सभी जंक्शन की लाइव निगरानी के लिए प्रमुख चौराहों पर 218 सीसीटीवी फिक्स्ड कैमरे और 20 पीटीजेड कैमरे लगाए जाना हैं।
-ट्रैफिक जंक्शन स्मार्ट पीए और ईसीबी सिस्टम से लैस होंगे, जो कमांड सेंटर से ऑपरेटरों को सक्षम करने के लिए जंक्शनों पर सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण सूचना प्रसारित करने और सार्वजनिक रूप से कनेक्ट करेंगे।
-ट्रैफिक जंक्शन स्मार्ट पीए और ईसीबी सिस्टम से लैस होंगे, जो कमांड सेंटर से ऑपरेटरों को सक्षम करने के लिए जंक्शनों पर सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण सूचना प्रसारित करने और सार्वजनिक रूप से कनेक्ट करेंगे।