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बड़ी खबर : कर्मचारियों को नहीं दिया इतना न्यूनतम वेतन तो कंपनी पर होगा एक लाख रुपए का जुर्माना

locationइंदौरPublished: Oct 12, 2019 11:28:20 am

ई-कॉमर्स इंडस्ट्री भी इसमें हैं शामिल वेतन
झूठा केस लगाने वाले मजदूरों के खिलाफ भी कानूनी प्रावधान
नया कोड ऑफ वेजेस : परिचर्चा में विशेषज्ञों ने दी जानकारी

बड़ी खबर : कर्मचारियों को नहीं दिया इतना न्यूनतम वेतन तो कंपनी पर होगा एक लाख रुपए का जुर्माना

बड़ी खबर : कर्मचारियों को नहीं दिया इतना न्यूनतम वेतन तो कंपनी पर होगा एक लाख रुपए का जुर्माना

विकास मिश्रा @ इंदौर. केंद्र सरकार ने शासकीय और निजी संस्थानों में न्यूनतम मजदूरी के लिए नया कोड ऑफ वेजेस (मजदूरी संहिता) लागू की है। इसमें ई-कामर्स इंडस्ट्री भी शामिल है, उसे भी अपने कर्मचारियों को नियमानुसार न्यूनतम वेतन देना होगा। शिक्षण संस्था और कोचिंग इंस्टीट्यूट भी इसके अधीन होंगे। केंद्र सरकार द्वारा तय 18 हजार न्यूनतम वेतन को राज्य सरकारें कम नहीं कर सकेंगी। न्यूनतम वेतन नहीं देने पर संबधित नियोक्ता पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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नए कोड को लेकर शुक्रवार को जाल सभाग्रह में पीथमपुर पर्सनल फ्रेटर्निटी (पीपीएफ) और पटवर्धन लॉ एसोसिएट्स ने परिचर्चा आयोजित की। इसमें हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस व सीनियर एडवोकेट पीयूष माथुर, पत्रिका के सीनियर जनरल मैनेजर रघुनाथ सिंह, एडवोकेट गिरीश पटवर्धन, एएम एचआर साल्यूशन के डायरेक्टर अनिल मलिक, कौटिल्य एकेडमी के सीईओ एमएम जोशी और मोटिवेशनल स्पीकर अंबर अरोडेकर विशेष रूप से मौजूद रहे। पटवर्धन ने करीब एक घंटे तक नए कोड ऑफ वेजेस के बारे में जानकारी दी और मौजूद उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने प्रश्नों के जवाब भी दिए।
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कर्मचारी-नियोक्ता दोनों को मिले अधिकार

शहर की करीब 125 संस्थाओं की मौजूदगी में पटवर्धन ने बताया, नए कानून में कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को सरकार ने कुछ अधिकार दिए हैं। न्यूनतम वेजेस नहीं देने के मामलों की पहली सुनवाई अब सरकार के गजेटेड अफसर के समक्ष हो सकेगी। पहले यह नियम सिर्फ नोटिफाइन उद्योग पर ही लागू होते थे, लेकिन नए नियम हर उद्योग पर लागू होंगे। आने वाले समय में घरों में काम करने वाली बाइयों पर भी यह नियम लागू होंगे। हालांकि अभी कई बिंदुओं पर विरोधाभास की स्थिति भी है, जो आगे चलकर स्पष्ट होंगी। सीनियर एडवोकेट पीयूष माथुर ने नए कानून की बारिकियों से मौजूद लोगो को अवगत कराया।
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आठ घंटे काम कराना नियोक्ता का अधिकार

अनिल मलिक ने बताया, नए नियम के तहत जैसे कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन पाने का अधिकार है, उसी तरह नियोक्ता को अधिकार है कि वह आठ घंटे तक कर्मचारी से काम ले सके। कर्मचारी काम न करे तो वेतन काटने का अधिकार भी नया कोड देगा। कार्यक्रम का संचालन राजीव मजुमदार ने किया। अतिथियों का स्वागत किरण शास्त्री, दिलीप जगताप, सुभाष माथुर, अनिल दुबे और शिवकुमार ने किया। आभार कीर्ति पटवर्धन ने माना।
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