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कैसे कटा मतदाता सूची से नाम.. दोषियों पर हो कार्रवाई

locationइंदौरPublished: Jun 02, 2019 11:17:41 am

Submitted by:

Mohit Panchal

मतदाता हुए जागरूक, निर्वाचन की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल, कलेक्टर से की शिकायत
 

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कैसे कटा मतदाता सूची से नाम.. दोषियों पर हो कार्रवाई

इंदौर। सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो… निर्वाचन आयोग की ये अपील मतदाताओं के जहन में घर कर गई। यही वजह है कि इंदौर में लोकसभा में रिकार्ड तोड़ ६९ प्रतिशत मतदान हुआ। कई ऐसे भी थे जो वोट देने गए, लेकिन सूची से नाम काटे जाने की वजह से निराश होकर लौटे। ऐसे एक मतदाता ने कलेक्टर को शिकायत कर दोषी कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
धीरे-धीरे निर्वाचन आयोग की मुहिम सफल होती नजर आ रही है। चुनाव में मतदान के लिए मतदाता अब जागरूक हो गए हैं। वहीं, इंदौर में मतदाता सूची में युवाओं का नाम जोडऩे के साथ शुद्धिकरण का काम भी बहुत अच्छे स्तर पर हुआ, लेकिन कुछ बीएलओ की लापरवाही से सारी मेहनत पर पलीता लग रहा है।
१९ मई को लोकसभा चुनाव के लिए तपती गरमी में भी मतदान में कई मतदाता वोटर आईडी कार्ड व आधार कार्ड लेकर बूथ-बूथ धूम रहे थे। उनका नाम सूची से काट दिया गया। ऐसे मतदाताओं की संख्या काफी है।
उनमें से एक १/२४ विजय नगर में रहने वाला गोयल परिवार भी है।
सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त ७७ वर्षीय रूपनारायण गोयल ने कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को मामले की शिकायत की। उसकी एक प्रति केंद्रीय चुनाव आयोग को भी भेजी गई। गोयल का कहना है कि मेरे परिवार में सात मतदाता हैं, जिसमें से मेरी बहू प्रीति पति हरीश गोयल की मतदाता पर्ची नहीं दी गई थी। इस संबंध में बीएलओ सुनील निहारे से मोबाईल पर बात की तो जवाब था नाम है।
निहारे का कहना था कि पर्ची निर्वाचन कार्यालय से नहीं आई, आप तो आधार, वोटर कार्ड लेकर बूथ पर चले जाएं। जब वह वोट डालने मतदान केंद्र सिक्का स्कूल क्रमांक १३ पहुंची तो पोलिंग ऑफिसर ने वोट डालने से साफ इनकार कर दिया। कहना था कि मतदाता सूची में नाम के आगे डिलीट लिखा है। आज तो कुछ नहीं कर सकते हैं।
काफी देर परेशान होने के बाद लौटना पड़ा। गोयल का कहना है कि जब हम वहीं पर वर्षों से रह रहे हंै और पूर्व में मतदाता सूची में नाम था तो डिलीट कैसे हो गया। किसने जांच की और किसकी रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई हुई। दोषी व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई ओर ऐसी गलती नहीं करे।
फिर से भरना पड़ेगा फॉर्म
मतदाता सूची से नाम काटने के पहले कायदे से जांच की जाना चाहिए। पंचनामा बनता है, लेकिन बीएलओ बिना जांच करे ही सारी कार्रवाई कर देते हैं। नाम काटने के बाद दोबारा जुड़वाने के लिए फिर से नया आवेदन करना पड़ता है। फॉर्म नंबर ६ भरकर देना होगा तब बीएलओ फिर से जांच करने आएगा और रहने की तस्दीक करेगा। तब जाकर नाम जुड़ता है।
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