हाल ही में मानमल कासलीवाल कोटम्बिक ट्रस्ट की ओर से प्रकाश कासलीवाल ने जिला प्रशासन से एक गुहार की। कहना है कि ट्रस्ट के मालिकाना हक का पुराना 14 नया 20 सीतलामाता बाजार के पीछे वाले भाग पर स्थित मकान का द्वितीय व प्रथम तल जीर्ण एवं अतिखतरनाक हो गया है। कुछ दिन पूर्व प्रथम तल का कुछ हिस्सा गिर गया है और बाकी का हिस्सा कभी भी गिर सकता है।
आसपास में रह रहे रहवासियों को जनधन हानि होने का खतरा बना हुआ है। 15 जनवरी को मय फोटो शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी हाल में भारी बरसात के दौरान खतरनाक मकान का एक बड़ा हिस्सा गिर चुका है। तत्काल प्रभाव से मकान के खतरनाक हिस्से को आप तत्काल प्रभाव से तोडऩे की कार्रवाई करे। निगम द्वारा तोडने की कार्रवाई नहीं की जाती है और भवन का खतरनाक हिस्सा गिरता है और कोई जन व धन हानि होती है तो उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है। प्रशासन ने प्रकरण निगम को सौंप दिया है, ताकि जांच कर मकान की स्थिति का आकलन कर आगे की कार्रवाई तय करे।
निगम के साथ ही प्रशासन के पास आवेदनों का ढेर
गौरतलब है कि नगर निगम तो ठीक जिला प्रशासन के पास भी मकान को खतरनाक बताकर तोडऩे के आवेदन बड़ी संख्या में आ रहे हैं। मकान मालिकों का कहना है कि भविष्य में कोई दुर्घटना होती है तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। चौंकाने वाली बात ये है कि अधिकतर आवेदनों में मकान मालिक और किराएदार का विवाद सामने आ रहा है। पुराने किराएदार मकान खाली नहीं कर रहे हैं, जिनको भगाने के लिए मकान मालिकों ने नया रास्ता तैयार कर लिया है। वे मकान को खतरनाक घोषित करके तुड़वाना चाहते हैं। इससे संपत्ति साफ-सुथरी हो जाएगी।