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उधार बैठे है भाजपाई….प्रदेश के मुखिया आए तो करे शिकायत

locationइंदौरPublished: May 15, 2018 11:06:10 am

Submitted by:

Mohit Panchal

नगर भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा, राकेश सिंह कल आ रहे इंदौर, जोर-शोर से चल रही स्वागत की तैयारियां

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इंदौर। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद राकेश सिंह पहली बार कल इंदौर आ रहे हैं। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए विधानसभा स्तर पर जोरशोर से तैयारियां की जा रही हैं। इसमें नगर भाजपा से असंतुष्ट खेमा भी पीछे नहीं है। यह सिंह से मुलाकात कर हालात की जानकारी देगा और उनके सामने कार्यकर्ताओं की पीड़ा रखेगा।
हमेशा पार्टी लाइन पर चलने और संगठन को बारिकी से समझने वाले जबलपुर सांसद राकेश सिंह के हाथ में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश की कमान सौंपी। ये फैसला विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया गया ताकि सिंह कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर सके।
इसके अलावा वे संगठनात्मक सफाई भी कर दे जिनकी वजह से पार्टी का नुकसान हो सकता है। इसके चलते उन्होंने संभागीय दौरे शुरू कर दिए हैं और वे १६ मई को इंदौर आ रहे हैं। विधानसभावार स्वागत के साथ में बड़ा गणपति से राजबाड़ा के बीच में रैली भी निकाली जा रही है, जिसमें नेता ताकत दिखाने में जुट गए हैं।
ऐसे में नगर भाजपा से असंतुष्ट नेता भी काम पर लग गए हैं। वे भी अपनी ताकत दिखाने के साथ में सिंह से मुलाकात करेंगे। ऐसे पीडि़त नेताओं की संख्या काफी बड़ी है। सभी नेता अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग मुलाकात करके उन्हें अपनी पीड़ा बताएंगे। उनके साथ हुई घटना के साथ में नगर भाजपा अध्यक्ष को एक्सपोज करने का प्रयास करेंगे।
ये सभी नेता चाहते हैं कि शर्मा की रवानगी हो। इनमें से कुछ ने तो दीनदयाल भवन भी जाना-आना छोड़ दिया है। मजेदार बात ये है कि असंतुष्टों के मैदान संभालने में कुछ विधायक भी मदद कर रहे हैं। वहीं सिंह के साथ में प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत भी आ रहे हैं। कुछ तो उनसे भी मुलाकात करेंगे।
पेश करेंगे आकड़ा
असंतुष्ट नेता अपनी पार्टी के प्रदेश मुखिया के सामने नगर भाजपा की स्थिति रखेंगे। बकायदा इसके लिए उन्होंने खासी कसरत भी की है। उनके मुताबिक तीन साल पहले मिस कॉल से पार्टी ने साढ़े लाख सदस्य बनाने का दावा किया था।
पांच से सात हजार सक्रिय सदस्य हैं, जिनमें से करीब ३ हजार पदाधिकारी हैं। इतनी भारी भरकम संख्या होने के बावजूद दिनभर में 100 लोग भी दीनदयाल भवन की सीढ़ी नहीं चढ़ते हैं। संभागीय संगठन मंत्री से मिलने आने वालों की बात अलग है वे तो वे सीधे लिफ्ट से दूसरी मंजिल पहुंचते हैं।
इसके पीछे स्थानीय जवाबदार नेताओं का व्यवहार है जिसकी वजह से कार्यकर्ता नाराज होकर घर बैठे हुए हंै। ऐसा ही रहा तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी को खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। असंतुष्टों ने उन विवादों की भी फेहरिस्त बना रखी है, जिनकी वजह से पार्टी की छवि खराब हुई। वे पुरजोर तरीके से बदलाव की भी मांग करेंगे।
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