must read : ‘पानी’ के लिए जुटे मंत्री और प्रदेशभर की नगरीय निकाय के अफसर-इंजीनियर गौरतलब है कि देवी अहिल्या विवि के होस्टलों में चलने वाली मैस और केंटीन के ठेके नियमानुसार देने के बजाए अधिकारी कोटेशन पर दे रहे हैं। हाल ही में एक बार फिर कोटेशन पर बाले-बाले यह ठेके दे दिए गए। ऐसे में इस पर फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। कारण है कि टेंडर नहीं निकलने से नए लोग इसमें शामिल नहीं हो पाए, सिर्फ दो होस्टलों की मैस को ही बदला गया। मामले में रजिस्ट्रार को शिकायत होने के बाद अब इसकी जांच की जाएगी।
must read : कांग्रेस के वचन पत्र की अर्थी निकाल रहे भाजयुमो नेताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष जावेद खान का कहना है कि नियमानुसार मैस के ठेके दे दिए जाने के कारण विवि को राजस्व की हानि हुई है। अगर टेंडर निकाले जाए तो विवि को लाभ पहुंचेगा। यहां अंदर चल रहे केंटीन के साथ ही होस्टलों के केंटीन के लिए भी टेंडर नहीं निकाले जाते। सिर्फ अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए कोटेशन बुलवा लिया जाता है। कोटेशन बुलवाने के लिए भी किसी अखबार में विज्ञप्ति नहीं निकाली जाती और न ही किसी सरकारी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। हाल ही में जो केंटीन के मैस का आवंटन किया है उनमें अधिकांश कांग्रेस नेताओं के सर्मथक हैं। दरअसल देवी अहिल्या विवि में अधिकारी एक कमेटी बना देते हैं। कमेटी के लोग आपस में ही मिलकर तय कर देते है किसे ठेका देना है किसे नहीं। अगर विवि में नियमानुसार टेंडर से मैस के ठेके दिए जाएं तो विवि का राजस्व बढऩे के साथ ही छात्र-छात्राओं को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन मिल सकेगा।