एक ओर कम्प्यूटर साइंस के प्रति रुझान बढ़ा है वहीं दूसरी ओर बाकी ब्रांच में पहले की तुलना में दिलचस्पी कम हुई है। पहली काउंसलिंग के बाद शहर के ज्यादातर कॉलेजों में अन्य ब्रांच की गिनती की सीटें ही भर पाई हैं। सीएस के बाद सिविल और मैकेनिकल जैसी ब्रांच की मांग है।
मालूम हो, प्रदेश के 150 इंजीनियरिंग कॉलेजों की 55 हजार सीटों के लिए काउंसलिंग का पहला चरण हो चुका है। इसमें 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए जिनमें 60 फीसदी से ज्यादा ने सीएस ब्रांच ही चुनी है। डीटीई से मिली जानकारी के अनुसार पहली काउंसलिंग में विद्यार्थियों ने चॉइस फिलिंग में कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को डेढ़ लाख बार लॉक किया था। जबकि सभी ब्रांच के लिए 5 लाख चॉइस लॉक हुई। 16 हजार से ज्यादा आवंटन होने पर 10 हजार ने ही दाखिले लिए।
एआइ और डाटा साइंस में भी मौका इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस बार एक दर्जन से ज्यादा नई ब्रांच भी जुड़ी हैं। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स एंड मैक्ट्रॉनिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डाटा साइंस, इलेक्ट्रिकल इंटरनेट ऑफ थिंग्स, माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं।