पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जनता की समस्याओं की सुनवाई करने कलेक्टर व प्रशासनिक अफसरों के लिए मंगलवार का दिन तय किया था, जिसे जनसुनवाई का नाम दिया गया। समस्याग्रस्त जनता मंगलवार सुबह 11 से 1.30 बजे के बीच अपनी समस्याओं को लेकर सीधे कलेक्टर से मिल सकते थे। आला अधिकारियों को काम करने में निचले स्तर के अधिकारियों के रवैए से अवगत करवा सकते थे। कलेक्टर विशेष तौर पर ध्यान देकर इन समस्याओं को संबंधित अफसरों को निर्देशित कर हल निकाल पीडि़त पक्ष को जानकारी देते। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन बना कर इस व्यवस्था को और पुख्ता किया गया था। यह व्यवस्था कलेक्टोरेट में ही नहीं, पुलिस, नगर निगम व अन्य विभागों में भी थी। चुनाव आचार संहिता के चलते गत दो माह से बंद कर दी गई थी। आचार संहिता समाप्त होने के साथ ही मंगलवार को इसे फिर शुरू होना था, लेकिन सरकार बदलने से मामला बदल गया। अफसर असमंजस में हैं कि नई सरकार इसे जारी रखेगी या नहीं। इसका स्वरूप क्या होगा?
शुरू होंगे कई रुके हुए प्रोजेक्ट – मेट्रो ट्रेन के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसके ट्रैक निर्माण की प्रक्रिया शुरू होना है। इसके लिए शहर में कार्यालय भी अलग से शुरू किया है। निगमायुक्त आशीष सिंह को इसका प्रभारी बनाया है।
– इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की प्रक्रिया को गति मिलेगी। एआइसीटीएसएल ने चुनाव से पहले 40 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की प्रक्रिया शुरू की थी। राजबाड़ा क्षेत्र के लिए विभिन्न स्थानों से इन बसों का संचालन होना है। इससे इस क्षेत्र में निजी वाहनों की आवाजाही पर रोक लग सकेगी। बसों का प्रोटोटाइप तैयार है। जल्द ही बसों की एक खेप मिलेगी।
– मराठी स्कूल कला संकुल का काम भी शुरू हो सकेगा। स्मार्ट सिटी के तहत मराठी स्कूल परिसर को आधुनिक कला संकुल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। यहां पर ऑडिटोरियम और अत्याधुनिक कलाकेंद्र बनाने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे।
– बंगाली चौराहा व पीपल्याहाना ब्रिज का काम गति पकड़ेगा। पीडब्ल्यूडी बंगाली चौराहे पर, वहीं आइडीए पीपल्याहाना चौराहे पर फ्लायओवर बना रहा है। दोनों ब्रिज के लिए आवश्यक टेंडर जारी हो चुके हैं। अन्य कार्य गति पकड़ेंगे।
– सरवटे बस स्टैंड के लिए सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। नगर निगम ने नौलखा बस स्टैंड को तीन इमली पर शिफ्ट कर दिया है। जर्जर होने की रिपोर्ट पर सरवटे बस स्टैंड को गिरा दिया। इसकी जगह अस्थायी बस स्टैंड बनाया गया है। इसे नया बनाने के लिए सलाहकार की नियुक्ति आचार संहिता के चलते अटकी हुई थी।
मुख्यमंत्री हेल्प लाइन जारी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन अभी काम कर रही है, लेकिन जनसुनवाई को लेकर प्रशासन को किसी तरह के दिशा-निर्देश नहीं मिलें है। प्रशासनिक अफसरों का कहना है, जब किसी तरह के आदेश नहीं मिलते लोगों की समस्याएं अफसर अपने स्तर पर सुनेंगे।