डेढ़ महीने से स्कूल 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही संचालित हो रहे थे। सोमवार से सौ फीसदी उपस्थिति से कक्षाएं लगाने की हरी झंडी मिलने के बाद माना जा रहा था कि फिर से स्कूलों में चहल-पहल लौट आएगी। ऑनलाइन क्लासेस बंद होने के भी आसार जताए गए। लेकिन, कई अभिभावक अब भी बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं। बड़ी वजह कोरोना का डर बताया जा रहा है। शिक्षकों ने जब स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया तो ज्यादातर ने कोरोना का ही हवाला दिया है।
दरअसल, स्कूल भले ही पूरी क्षमता से खुल गए हैं लेकिन, बच्चों की ऑफलाइन क्लास के लिए अभिभावकों का सहमति पत्र अनिवार्य है। खासतौर से प्राथमिक कक्षाओं में कम उपस्थिति के चलते कुछ स्कूल भी ऑनलाइन क्लास बंद करने का फैसला नहीं ले पा रहे हैं। एमपी बोर्ड के अधिकांश स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई बंद करने की घोषणा कर दी है वहीं सीबीएसई स्कूल अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने की अनुमति देने के लिए मना रहे हैं।
अभिभावकों को मना रहे सीबीएसई स्कूल
प्राथमिक कक्षा की बात करें तो एमपी बोर्ड की तुलना में सीबीएसई स्कूलों में कम विद्यार्थी पहुंच रहे है। सीबीएसई में छठी से बारहवीं तक के बच्चों की औसत उपस्थिति 80 फीसदी तक पहुंच रही है। जबकि प्राथमिक कक्षाओं में इससे आधे ही विद्यार्थी जा रहे है। कम उपस्थिति का दूसरा बड़ा कारण स्कूल और बच्चों के घर के बीच की दूरी अधिक होना है। नामी सीबीएसई स्कूल और बच्चों के घरों की औसत दूरी 5 से 7 किलोमीटर है। प्राथमिक कक्षा के बच्चों के अभिभावक बस या दैन से स्कूल भेजने से भी डर रहे है। इन स्कूलों में छोटे बच्चों की उपस्थिति 30-40 प्रतिशत के आसपास ही है। उपस्थिति बढ़ाने और ऑनलाइन क्लास को खत्म करने के लिए स्कूल संचालक अभिभावकों को अनुमति देने के लिए मना रहे हैं।
दो-चार दिन में खुलेंगे एमपी बोर्ड स्कूल
एमपी बोर्ड के 30 प्रतिशत स्कूल सोमवार से सौ फीसदी क्षमता से खुल गए है। बाकी में फिलहाल वैकल्पिक दिन पढ़ाई हो रही है। दो-चार दिन में इन स्कूलों में भी सभी बच्चे एक साथ पढ़ेंगे। बच्चों को सूचना देना, स्कूलों में व्यवस्थाएं आदि कारणों के चलते दो-चार दिन में स्कूल खुलेंगे। अधिकांश स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई बंद करने के निर्देश जारी कर दिए है। एमपी बोर्ड के प्रायवेट स्कूलों में भी प्राथमिक कक्षाओं में उपस्थिति नगण्य है। सरकारी स्कूल पहले दिन से सभी बच्चों को पढ़ा रहे हैं, पर उपस्थिति के मामले में निजी जैसी हालात सरकारी स्कूलों की है। जो बच्चे नहीं आ रहे हैं उन्हें ऑनलाइन पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
यूके झा, अध्यक्ष, इंदौर सहोदया कॉम्प्लेक्स का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन कराते हुए सौ फीसदी क्षमता से कक्षाएं शुरू की जा चुकी हैं। मीडिल से हायर सेकंडरी में उपस्थिति 80 फीसदी तक दर्ज हो रही हैं। प्रायमरी कक्षाओं में 40 फीसदी तक बच्चे ही आ रहे है। अब ऑनलाइन क्लासेस भी जारी है। अभिभावक कोरोना के कारण बच्चों के स्कूल नहीं भेज रहे। पालक ट्रांसपोर्टेशन को भी समस्या बता रहे है।