कल गांधी भवन में कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश के सहप्रभारी संजय कपूर के सामने कार्यकर्ता भड़क गए। गांधी जयंती आयोजनों को लेकर आए कपूर जब अपनी बात कह चुके तो नेता शुरू हो गए। विवेक खंडेलवाल ने कहा कि निगम चुनाव छोटे कार्यकर्ताओं का चुनाव है।
उसे गैरदलीय आधार पर करवाने से नेता व कार्यकर्ताओं का वजूद ही खत्म हो जाएगा। चिन्ह होता है तो ही सम्मान मिलता है। पार्टी के कुछ वोट पके होते हैं, जो प्रत्याशी को मिलते हैं। गरीब कार्यकर्ता को भी मौका मिलता है, लेकिन अब सिर्फ पैसे वालों का बोलबाला रहेगा।
एनएसयूआई जैसी न हो जाए हालत राजीव गांधी विकास केंद्र के देवेंद्रसिंह यादव ने कहा कि पार्टी किस दिशा में जा रही है। हालत एनएसयूआई व युकां चुनाव जैसी हो जाएगी। जब जीरो से ही शुरू करना है, तो कार्यकर्ता पार्टी के झंडे क्यों उठाएगा? आंदोलनों में क्यों हिस्सा लेगा? शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव ने भी इस बात का समर्थन किया।
आपसे पूछते हैं या नहीं?
कार्यकर्ताओं ने कपूर से पूछा, हम तो सुनने के लिए तैयार हैं, लेकिन आपसे पार्टी पूछती भी है या नहीं? आपसे कभी ये जानकारी ली गई कि प्रदेश में सरकार बनी तो किन नेताओं ने संघर्ष किया, जिन्हें निगम-मंडलों में उपकृत किया जाना चाहिए। इस पर कपूर बोले मुझसे पूछा था,अब हम नाम दे रहे हैं।
कागज लेकर रख लेते हैं मंत्री
कल रात प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया भी इंदौर पहुंचे। बाबरिया ने सरकार व मंत्रियों के हालचाल पूछे, जिस पर जिलाध्यक्ष यादव ने कहा कि मंत्री केवल कागज ले लेते हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं। १५ साल संघर्ष करने वाला कार्यकर्ता निराश ही है।
उसे लग नहीं रहा है कि उसकी सरकार आ गई है। यादव ने भी निगम चुनाव गैरदलीय आधार पर होने का विरोध करते हुए पंचायत चुनाव आगे बढ़वाने की मांग की। साथ ही दस साल से पदस्थ कुछ अफसरों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आने के बाद भी भाजपा मानसिकता वाले अफसर काबिज हैं।